Ahoi Ashtami 2023 Date: सनातन धर्म में अहोई अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत संतान से संबंधित होता है। माताएं अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और उत्तम भविष्य के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत क भी कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस दिन भी माताएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को तारा और चंद्रमा  को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती है। इस साल का अहोई अष्टमी व्रत पर काफी शुभ योग बन रहा है। जानें अहोई अष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त, महत्व, शुभ योग और तारा देखने का समय।

अहोई अष्टमी 2023 तिथि (Ahoi Ashtami 2023 Tithi)

हिंदू  पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 5 नवंबर 2023 को सुबह 12 बजकर 59 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 6 नवंबर को सुबह 3 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो रही है। उदया तिथि और तारा देखने के हिसाब से अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर को रखा जाएग।

अहोई अष्टमी 2023 तिथि- 5 नवंबर 2023, रविवार  

अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त

5 नवंबर को शाम 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 52 मिनट तक की जाएगी।

अहोई अष्टमी 2023 पर तारा देखने का समय

तारा को देखने का शाम के समय- शाम 5 बजकर 58 मिनट पर

अहोई अष्टमी 2023 चंद्रोदय का समय

अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय का समय- 6 नवंबर को सुबह 12 बजकर 2 मिनट पर

अहोई अष्टमी पर बन रहा शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अहोई अष्टमी में पुष्य नक्षत्र बन रहा है। रविवार के दिन होने के कारण इसे रवि पुष्य योग कहा जाएगा। इसके साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन  रहा है। इस शुभ योग में पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी।

अहोई अष्टमी 2023 पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। फिर दीवार को साफ करके गाय के गोबर, आलता या फिर मिट्टी और सिंदूर  से अहोई माता की तस्वीर बनाएं और चाहे तो बाजार से बनी हुई तस्वीर ला सकते हैं।  इसके बाद फूल, माला, सिंदूर, भोग में हलवा, पूरी, मिठाई आदि अर्पित के साथ घी का दीपक और धूप जलाएं। इसके बाद अहोई माता व्रत कथा के साथ मंत्रों का जाप करें शाम को तारा और चंद्रमा देखने के साथ जल से अर्घ्य दें और अपना व्रत खोल लें।

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