Ahoi Ashtami Vrat: वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल अहोई अष्टमी व्रत का दिन करवा चौथ के चार दिन बाद और दीवाली पूजा से आठ दिन पहले पड़ता है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी आयु और सुख- समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही इस दिन महिलाएं पूरे दिन जल तक ग्रहण नहीं करती हैं और आकाश में तारों को देखने के बाद ही उपवास को तोड़ा जाता है। यह व्रत देवी अहोई को समर्पित होता है। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा- विधि…
जानिए अहोई अष्टमी तिथि
अष्टमी तिथि शुरू: 17 अक्टूबर 2022 को सुबह 09 बजकर 28 मिनट से
अष्टमी तिथि खत्म: 18 अक्टूबर 2022 को सुबह 11 बजकर 59 मिनट तक
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त और तारों की टाइमिंग
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त: शाम 06 बजकर 13 मिनट से शाम 07बजकर 29 मिनट तक
तारों को देखने के लिये सांझ का समय: शाम 06 बजकर 35 मिनट पर
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय: 18 अक्टूबर सुबह 12 बजकर 07 मिनट पर
अहोई अष्टमी पर बन रहे हैं ये विशेष संयोग
वैदिक पंचांग के अनुसार अहोई अष्टमी पर इस वर्ष अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 17 अक्टूबर से सुबह 05 बजकर 11 मिनट से 18 अक्टूबर की सुबह 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इन योगों को ज्योतिष में विशेष माना जाता है। साथ ही इनमें पूजा करने से व्यक्ति को दोगुना फल मिलता है।
जानिए पूजा- विधि
इस दिन महिलाएं जल्दी उठ जाएं और स्नान करके साफ- सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद गेरू और चावन से माता अहोई का चित्र बनाएं। साथ ही स्याहु व उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं। अगर आप दीवार पर चित्र नहीं बना पा रहे हैं तो आप माता अहोई की मूर्ति या तस्वीर भी ला सकते हैं। इसके बाद एक मिट्टी का मटका लें उसको जमीन या स्टूल पर रख दें। ध्यान रखें कि अटके के नीचे गेहूं जरूर रख दें। फिर मटके को ढक दें। फिर घर की सभी महिलाओं के साथ मिलकर अहोई माता का पूजन करें और व्रत कथा पढ़ें। इसके बाद तारों को अर्घ्य देकर व्रत को तोड़ें।