Adhikmass 2023 Shaligram Puja: अधिक मास जिसे मलमास और पुरुषोत्तम नाम से जाना जाता है। यह पूरा मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस साल अधिक मास 16 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इस पूरे मास में भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। इसके अलावा इस मास में तुलसी पूजन के साथ भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि भगवान शालिग्राम की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही संतान से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती है।

शालिग्राम पूजन का महत्व

पद्मपुराण के अनुसार, अधिक मास के दौरान जो व्यक्ति शालिग्राम का पूजा करता है। उन्हें स्नान कराने के साथ विधिवत पूजा और तुलसी जल अर्पित करता है, तो कई यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है कि जिस स्थान में शालिग्राम और तुलसी होती है, तो वहां पर श्री हरि हमेशा विराजमान रहते हैं। इसलिए घर में  भगवान शालिग्राम की स्थापना करने के साथ नियमित रूप से पूजा अवश्य करें।

क्या होता है शालिग्राम?

शास्त्रों के अनुसार, शालिग्राम नेपाल की गंडकी नदी के तल से प्राप्त होते हैं। ये काले रंग के चिकने, अंडाकार पत्थर होते हैं। शालिग्राम अलग-अलग रूपों में मिलते हैं। कुछ अंडाकार होते हैं। इसके अलावा कई शालिग्राम में एक छेद होता है, तो कई पत्थर में शंख, चक्र, गदा या पद्म से निशान बने होते हैं।

कैसे करें शालिग्राम स्थापित?

शालिग्राम भगवान को स्वयम्भू माना जाता है। इसलिए इनकी प्राण प्रतिष्ठा करने की जरूरत नहीं है। इन्हें कोई भी व्यक्ति घर लाकर पूजा घर में रख सकता है और नियमित रूप से पूजा कर सकता है।

कैसे करें शालिग्राम की पूजा?

शास्त्रों के अनुसार, शालिग्राम की नियमित रूप से पूजा करना चाहिए। रोजाना जल अर्पित करें। स्नान कराने के बाद चंदन लगाएं। इसके साथ ही तुलसी दल अर्पित करें। फिर भोग लगाएं और घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत पूजा कर लें।  आप चाहे, तो सप्ताह में एक बार या फिर रोजाना पंचामृत प्रसाद चढ़ा सकते हैं। माना जाता है कि इस प्रसाद का सेवन करने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।

शालिग्राम पूजा के नियम

  • शालिग्राम कभी भी किसी से उपहार के रूप में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इसका पूरा फल उसे मिल जाता है।
  • शालिग्राम को सात्विक का प्रतीक माना जाता है। इसलिए घर की साफ-सफाई रखें। इसके साथ ही मांस-मदिरा से कोसों दूर रहें।
  • कभी भी घर में एक से ज्यादा शालिग्राम नहीं रखना चाहिए। अगर एक से अधिक है, तो माफी मांगते हुए किसी नदी में प्रवाहित कर दें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

असली शालिग्राम की पहचान क्या है?

गंडक नदी में पाया जाने वाले शालिग्राम आमतौर पर गोलाकार और काले रंग का होता है।

शालिग्राम भगवान को कहां रखना चाहिए?

शालिग्राम को तुलसी के पौधे के पास रखना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

शालिग्राम किसका अवतार है?

 शालिग्राम भगवान विष्णु के विग्रह रूप को कहा जाता है।

क्या महिलाएं शालिग्राम को छू सकती हैं?

हां महिलाएं शालिग्राम शिलाओं की पूजा कर सकती हैं