Adhik Maas 2023: हिंदू धर्म में मलमास या अधिक मास का बहुत महत्व बताया गया है। इसे माह को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस मास में किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित बताया गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मलमास में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कैसे लगता है अधिक मास या मलमास (Malmas 2023)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के एक राशि के दूसरे राशि में जानें की प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य देव लगभग हर माह में अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। जिस माह में सूर्य का राशि परिवर्तन नहीं होता है। उस माह को मलमास या अधिक मास कहा जाता है।
कितने दिनों बाद आता है मलमास? (Purushottam Maas 2023)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 32 महीने और 16 दिन बाद अधिक मास या मलमास आता है। साल 2023 में अधिक मास 16 जुलाई 2023 से शुरू होकर 16 अगस्त 2022 तक चलेगा।
साल 2023 में दो माह का होगा सावन (sawan 2023)
ज्योतिष के अनुसार साल 2023 में अधिक मास लगने के कारण साल 2023 में सावन 2 महीने का होगा। ऐसे में सावन के महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से भगवान भोलेनाथ के प्रसन्न होने की मान्यता है। साथ ही उनकी कृपा से बिगड़े काम भी बनना बताया गया है। ऐसा संयोग कई वर्षो के बाद बन रहा है।
मलमास को क्यों कहा जाता है पुरुषोत्तम मास? (Adhik Maas 2023)
पौराणिक कथा के अनुसार जिस माह में सूर्य देव राशि परिवर्तन नहीं करते हैं। वह माह मलिन हो जाता है। मलिन माह होने के कारण सभी देवताओं ने इस माह का स्वामी बनने से मना कर दिया। तब भगवान विष्णु इस माह से स्वामी बने थे। भगवान विष्णु ने कहा था कि जो भी इस माह में भगवान शिव की भक्ति और उनकी पूजा करेगा। उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे और पुण्यफल ही प्राप्ति होगी।