Vidur Niti in Hindi: महात्मा विदुर को एक महान विचारक माना गया है, उन्होंने अपनी पुस्तक विदुर नीति में अपने विचारों का जिक्र किया है। एक दासी के पुत्र होने के कारण वो राजा नहीं बन सके। इसके बावजूद हस्तिनापुर के लिए उनका प्रेम कभी कम नहीं हुआ। राज्य की बेहतरी के लिए वो हमेशा महाराज धृतराष्ट्र को सलाह दिया करते थे। अपने भतीजे पांडवों के लिए उनका मोह किसी से छिपा नहीं था। मगर ये उनकी समझदारी ही थी कि कौरव भी उनकी सलाहों को बड़े आदर से सुना करते थे। विदुर जीवन से जुड़े सभी विषयों को बहुत गहराई से समझते थे, यही कारण है कि पितामह भीष्म भी सदैव महात्मा विदुर से सलाह मशविरा किया करते थे।
विदुर नीति में विदुर जी ने इस बात पर भी चर्चा की है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें कभी अपने राज नहीं बताने चाहिए। ऐसा करने से भविष्य में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि किन लोगों से अपने राज़ साझा करने से बचना चाहिए –
चालाक व्यक्ति: महात्मा विदुर ने इस बात का जिक्र किया है कि लोगों को उन्हें अपनी बातें नहीं बतानी चाहिए जो चालाक प्रवृत्ति के होते हैं। उनके मुताबिक ऐसे लोग किसी भी व्यक्ति की बातों को जानने के लायक नहीं होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लोग बिना कुछ सोचे-समझे किसी की बातों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकते हैं।
लालची: विदुर नीति के अनुसार लालची व्यक्ति किसी का भी अपना नहीं हो सकता है क्योंकि वो लालच में अंधा हो चुका है। उनके मुताबिक एक लालची इंसान अपने बाप का भी सगा नहीं होता है क्योंकि समय आने पर वो उन्हें भी ठग सकते हैं। इसलिए विदुर जी कहते हैं कि लालची व्यक्ति को कभी अपने जीवन से जुड़े राज नहीं बताने चाहिए। ऐसा व्यक्ति अपने लालच के लिए आपके राज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ज्यादा बोलने वाले लोग: ज्यादा बोलने वाले लोग खुद के साथ दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं। इन लोगों को बोलते-बोलते ये ख्याल ही नहीं रहता कि ये क्या बोल जाते हैं। अपने ज्यादा बोलने के शौक को पूरा करने के लिए किसी के राजों को खोलने से भी बाज नहीं आते हैं। इसलिए ज्यादा बोलने वाले लोगों के सामने अपने राज़ नहीं खोलने चाहिए।
