प्रसिद्ध रणनीतिकार आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों को लेकर काफी प्रसिद्ध हैं। चाणक्य जी ने एक नीति शास्त्र की रचना की है, जिसमें समाज के लगभग हर विषयों का गहराई से जिक्र किया गया है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति चाणक्य जी की इन नीतियों का अनुसरण करता है, वह अपनी जिंदगी में हमेशा सफल होता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ऐसे 9 लोगों का जिक्र किया है, जिनसे व्यक्ति को भूलकर भी दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों से दुश्मनी करना आपको भारी पड़ सकता है।
इन लोगों के साथ भूलकर भी ना करें बैर:
मर्मी: ऐसा व्यक्ति जो आपके सभी राज जानता है, ऐसे लोगों से कभी भी बैर नहीं लेना चाहिए। क्योंकि अगर आप अपने लंगोटिया यार से दुश्मनी कर लेते हैं तो वह आपके रहस्यों को उजागर कर सकता है।
शस्त्री: जिन लोगों के हाथों में शस्त्र होते हैं, उनसे कभी विरोध या फिर झगड़ा नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा व्यक्ति क्रोध आने पर अपने हथियार का प्रयोग कर सकता है।
सठ: चाणक्य जी कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति से कभी भी किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए। क्योंकि मूर्ख व्यक्ति को अपने हित या फिर अहित के बारे में कोई ज्ञान नहीं होता।
प्रभु: मालिक या फिर राजा से कभी भी बैर नहीं करना चाहिए। क्योंकि वह अपनी शक्ति से आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।
वैद्य: चाणक्य जी कहते हैं कि वैद्य यानी डॉक्टर से किसी भी व्यक्ति को दुश्मनी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपको भविष्य में नुकसान हो सकता है।
धनी व्यक्ति: आचार्य चाणक्य के अनुसार अमीर लोगों के साथ भूलकर भी पंगा नहीं लेना चाहिए। क्योंकि ऐसा व्यक्ति खुद के फायदे के लिए किसी को भी खरीद सकता है।
कवि: जो व्यक्ति कवि, लेखक या फिर पत्रकार है, उससे कभी भी किसी को दुश्मनी नहीं लानी चाहिए। क्योंकि क्रोध आने पर वह आपको लेकर कुछ भी लिख सकता है।
रसोइया: चाणक्य जी बताते हैं कि जो व्यक्ति खाना बनाता है, उससे कभी भी बैर नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग आपको खाने में कुछ भी मिलाकर खिला सकते हैं।