Chanakya Niti In Hindi: माना जाता है कि आचार्य चाणक्य को सभी क्षेत्रों का ज्ञान था। वह जीवन के, रिश्तों के और समाज के हर पहलू को बारीकी से समझते थे। इसलिए चाणक्य को बुद्धिजीवियों की सूची में शामिल किया जाता है। चाणक्य ने चक्रवर्ती सम्राट अशोक को सीख देने में अपने जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा लगा दिया। कुशल समाजशास्त्री व अर्थशास्त्री चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में कई ऐसी बातों का जिक्र किया है जिसका महत्व वर्तमान समय में भी कम नहीं हुआ है। राजकाज के अलावा, चाणक्य की नीतियां गृहस्थ जीवन से जुड़ी कई बातें भी बताती हैं। साथ ही, अपनी नीति पुस्तक में चाणक्य ने दोस्ती पर भी अपने विचार बताए हैं। उनके मुताबिक इन 4 तरह के लोगों का साथ किसी भी  व्यक्ति के बर्बादी के रास्ते लेकर जाता है।

एक श्लोक के जरिये आचार्य चाणक्य बताते हैं किस स्थिति में कैसे कोई भी व्यक्ति बर्बाद हो जाता है। साथ ही उन्होंने जिक्र किया है उन लोगों का जिनसे दूरी बनाना जरूरी है।

दुराचारी च दुर्दृष्टिर्दुरावासी च दुर्जनः।
यन्मैत्री क्रियते पुम्भिर्नरः शीघ्रं विनश्यति।।

आचार्य चाणक्य लोगों को सलाह देते हैं कि उन्हें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो दूसरों के साथ दुराचार करता हो। जो इंसान दुष्ट स्वभाव को हो या फिर अकारण ही लोगों को नुकसान पहुंचाता हो, उनसे दूर रहने में ही भलाई है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोगों से दोस्ती व्यक्ति को भारी पड़ सकती है।

चाणक्य के मुताबिक हर व्यक्ति पर उसके संगति का प्रभाव पड़ता है। विद्वानों के अनुसार अगर किसी का व्यक्तित्व जानना है तो उसके दोस्तों के बारे में पता करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि जो लोग उपरोक्त लिखे अवगुणों से युक्त लोगों से दोस्ती रखते हैं, उनके यश व सम्मान में गिरावट होती है। यहां तक कि दुष्ट व्यक्ति कितना भी विद्वान क्यों न हो, उससे दूर ही रहना चाहिए क्योंकि मणि से अलंकृत होने के बावजूद भी सांप खतरनाक ही होता है।

बता दें कि आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करने से न केवल लोग अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं, बल्कि उन्हें व्यवहारिक ज्ञान भी हासिल होता है।