Aaj Ka Panchang 25 September 2025: आज 25 सितंबर यानी शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन भी मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। आज तृतीया तिथि सुबह 7 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। ऐसे में आज मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की ही पूजा की जाएगी। आज चंद्रघंटा की पूजा के साथ वरद चतुर्थी भी पड़ रही है। आश्विन मास के शक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को वरद चतुर्थी पड़ती है। आज के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त, आरती, मंत्र सहित पूर्ण पंचांग…

Shardiya Navratri 2025: 27 साल बाद नवरात्रि पर बना अद्भुत संयोग, लगातार दो दिन कर पाएंगे मां चंद्रघंटा की आराधना, जानें कारण

तृतीया तिथि पर अद्भुत योग

ज्योतिषी सलोनी चौधरी के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन दो दिन पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 24 सितंबर को सुबह 4 बजकर 51 मिनट से आरंभ हुई थी, जो आज सुबह 7 बजकर 6 मिनट पर समाप्त हुई है। ऐसे में तृतीया तिथि में वृद्धि होने के कारण मां चंद्रघंटा की पूजा दो दिन की जाएगी। इसलिए आज भी चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी।

वरद चतुर्थी 2025

हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी से संबंधित वरद चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है। आज भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से जीवन में खुशियों की वृद्धि होती है और हर तरह के दुख-दर्द से निजात मिल जाती है। आज सुबह 11:00 बजे से दोपहर 01:25 बजे के बीच गणेश जी की पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त बन रहा है। इसके अलावा लाभ-उन्नति मुहूर्त दोपहर 12:12 पी एम से 01:43 पी एम तक है।

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आज का पंचांग 25 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 25 September 2025)

रवि योग- 06:11 ए एम से 07:09 पी एम
वैधृति योग- सुबह से रात्रि 09 बजकर 54 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12बजकर 37 मिनट तक
अमृत काल: प्रातः 09 बजकर 17 मिनट से प्रातः 11 बजकर 05 मिनट तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 10 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 06 बजकर 15 मिनट पर
चंद्रोदय: प्रातः 08 बजकर 19 मिनट पर
चन्द्रास्त: सायं 07 बजकर 27 मिनट पर

आज का अशुभ समय

राहुकाल: दोपहर 01 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 13 मिनट तक
गुलिकाल: प्रातः 09 बजकर 12 मिनट से प्रातः 10 बजकर 42 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 06 बजकर 11 मिनट से प्रातः 07 बजकर 41 मिनट तक

मां चंद्रघंटा का भोग

शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए उनके पूजन में विशेष भोग अर्पित किया जाता है। माता को केसर-दूध से बनी मिठाइयाँ, शहद या खीर का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। इनसे देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख-समृद्धि और शक्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। मां चंद्रघंटा को लाल रंग विशेष प्रिय है, इसलिए उनकी पूजा के समय लाल वस्त्र पहनना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।

मां चंद्रघंटा का ध्यान मंत्र (Maa Chandraghanta Mantra)

पिंडजप्रवरारूढ़ा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।

मां चंद्रघंटा की आरती

नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान।
मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥

दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद।
घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥

सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर।
करती विपदा शान्ति हरे भक्त की पीर॥

मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ग्यान।
जितने देवी देवता सभी करें सम्मान॥

अपने शांत सवभाव से सबका करती ध्यान।
भव सागर में फंसा हूं मैं, करो मेरा कल्याण॥

नवरात्रों की मां, कृपा कर दो मां।
जय मां चंद्रघंटा, जय मां चंद्रघंटा॥

मां चंद्रघंटा के मंत्र

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥

मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
रंग, गदा, त्रिशूल,चापचर,पदम् कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Aarti Lyrics)

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डू के भोग लगे संत करें सेवा।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

अंधे को आंख देत कोढिन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

सितंबर माह के चौथे सप्ताह शारदीय नवरात्रि के साथ आरंभ हो रहा है। इसके साथ ही इस सप्ताह महालक्ष्मी, सूर्य ग्रहण से लेकर समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह। जानें साप्ताहिक टैरो राशिफल

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