22 May 2022 Panchang in Hindi:  पंचांग 5 अंगों से मिलकर बना होता है। जो हैं तिथि, वार, करण, योग और तिथि। इन सबके समावेश से ही किसी शुभ मुहूर्त की गणना की जाती है। आज ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष की सप्तमी है। साथ ही 12:57 pm के बाद अष्टमी तिथि है। वहीं आज धनिष्ठा नक्षत्र है, जो मूल नक्षत्र होता है। साथ ही आज रविवार का पावन व्रत है।

Aaj Ka Panchang 22 May 2022 (आज 22 मई का पंचांग):

विक्रम संवत – 2079, राक्षस

शक सम्वत – 1944, शुभकृत्

पूर्णिमांत – ज्येष्ठ

अमांत – वैशाख

सूर्योदय- 05:26:27

सूर्यास्त- 19:08:08

चन्द्रोदय- 25:18:59

चन्द्रास्त- 11:31:59

Aaj ki Tithi 22 May 2022 (आज 22 मई की तिथि):

तिथि सप्तमी: 12:57:00 तक

नक्षत्र धनिष्ठा: 22:47:23 तक

करण वणिज: 15:01:13 तक

करण:  बव – 13:01:44 तक, बालव – 24:14:37 तक

पक्ष: कृष्ण

वार: रविवार

Aaj ka Shubh Muhurat Samay 22 May 2022 (आज 22 मई शुभ मुहूर्त का समय)

शुभ मुहूर्त/अशुभ मुहूर्त 22 May 2022 Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। ज्योतिष के अनुसार कुल मिलाकर 30 मुहूर्त होते हैं जिसमें से 15 शुभ मुहूर्त और 15 अशुभ मुहूर्त माने जाते हैं जोकि सुबह 6:00 बजे से शुरू हो जाते हैं औऱ शुभ मुहूर्त में श्‍वेत, मित्र, सारभट, सावित्र, वैराज, विश्वावसु, अभिजित, रोहिण, बल, विजय, नैरऋत, वरुण सौम्य और भग यह 15 मुहूर्त है।

अभिजीत मुहूर्त : 11:51:27 से 12:46:13 तक

विजय मुहूर्त: 14:29:15 से 15:25:11 तक

Aaj ka Ashubh Muhurat Samay 22 May 2022 (आज 22 मई अशुभ मुहूर्त का समय) :

दुष्टमुहूर्त :17:20:08 से 18:14:55 तक

कुलिक: 17:20:08 से 18:14:55 तक

कंटक: 10:00:53 से 10:56:40 तक

राहु काल: 16:30:59 से 18:00:41 तक

कालवेला / अर्द्धयाम: 11:51:27 से 12:45:13 तक

यमघण्ट: 13:41:00 से 14:35:47 तक

यमगण्ड: 12:18:50 से 14:01:33 तक

दिशाशूलः रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पान या घी खाकर निकलें। ये परिहार है।

नक्षत्र स्वामीः घनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह हैं तथा शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु देव हैं।

तिथि का महत्वः इस तिथि में ताड़ का सेवन नहीं करना चाहिए तथा यह तिथि राज सम्बन्धी कार्यों के लिए, विवाह, अन्नप्राशन व गृह प्रवेश के लिए शुभ है।

आज का विशेष उपाय: आज का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इसलिए भगवान विष्णु जी की उपासना के साथ सूर्य देवता जी की पूजा भी करें। आज श्री आदित्यहृदयस्तोत्र के 03 बार पाठ करने का बहुत सुंदर फल प्राप्त होता है। साथ ही गाय को गुड़ और चना खिलाएं। इससे भगवान सूर्य प्रसन्न होंगे और उनका आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा।