Aaj Ka Panchang 20 November 2025 (आज का पंचांग 20 नवंबर 2025): आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के साथ गुरुवार का दिन है। द्रिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि दोपहर 12 बजकर 17 मिनट तक रहने वाली है। इसके बाद मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी। इसके साथ ही आज मार्गशीर्ष अमावस्या का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में आज स्नान-दान करने के साथ पितरों का तर्पण करने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति हो सकता है। इसके साथ ही आज भगवान विष्णु, कृष्ण जी की पूजा करना अच्छा होगा। आइए जानते है आज का शुभ-अशुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय-सूर्यास्त का समय से लेकर पूरा पंचांग…

आज की तिथि- 20 नवंबर 2025, गुरुवार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या 19 नवंबर को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर आरंभ हो रही है, जो 20 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में आज मार्गशीर्ष अमावस्या भी है।

आज का शुभ मुहूर्त 20 नवंबर 2025

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 53 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 01 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 10 बजकर 58 मिनट से लेकर 21 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक
अमृत काल – सुबह 02 बजकर 14 मिनट से सुबह 4 बजकर 02 मिनट तक
शोभन योग – सुबह 9 बजकर 42 मिनट तक
अतिगण्ड – सुबह 9 बजकर 42 मिनट से लेकर पूरे दिन
अनुराधा नक्षत्र – सुबह 10 बजकर 58 मिनट से 21 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट तक

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या पर जानें स्नान-दान का समय और तर्पण विधि

आज का अशुभ समय – 20 नवंबर 2025

राहुकाल – दोपहर 1 बजकर 33 मिनट से लेकर 2 बजकर 54 मिनट तक
यम गण्ड – सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक से 8 बजकर 09 मिनट तक
कुलिक – सुबह 9 बजकर 30 से सुबह 10 बजकर 51 मिनट तक
दुर्मुहूर्त – 10 बजकर 24 मिनट तक – 11 बजकर 07 मिनट तक, 02 बजकर 43 मिनट तक – 03 बजकर 27 मिनट तक
वर्ज्यम् – 03 बजकर 28 मिनट तक – 05 बजकर 16 मिनट तक

आज का व्रत- मार्गशीर्ष अमावस्या

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास में आने वाली अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है। यह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इस दिन कई विशेष पूजा-विधियां और कर्मकांड किए जाते हैं। अमावस्या को पितरों की शांति और तर्पण के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन किए गए दान-पुण्य का फल अनेक गुना बढ़कर प्राप्त होता है। मार्गशीर्ष महीना स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा उत्तम माह बताया गया है।

सूर्य और चंद्रमा का समय

सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 48 मिनट
सूर्यास्त – 5 बजकर 36 मिनट
चन्द्रोदय – 20 नवंबर को सुबह 6 बजकर 40 मिनट
चन्द्रास्त – 20 नवंबर को शाम 5 बजकर 31 मिनट

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डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।