Aaj Ka Panchang 17 September 2025 (आज का पंचांग 17 सितंबर 2025) : आज इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इसके साथ ही विश्वकर्मा पूजा भी की जाएगी। आज के दिन कई शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। इन शुभ योगों में श्री हरि की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आज कन्या संक्रांति, शिव योग का निर्माण हो रहा है। इतने शुभ योगों में इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और आपको हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं आज का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त से लेकर चंद्रोदय का समय, ग्रह गोचर सहित अन्य जानकारी…
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आज की तिथि 17 सितंबर 2025
आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि सुबह 12 बजकर 22 मिनट से आरंभ हुई थी, जो रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगी।
Indira Ekadashi 2025: इंदिरा एकादशी आज, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पारण का समय
आज का शुभ मुहूर्त 17 सितंबर 2025
परिघ योग – सुबह 12 बजकर 33 मिनट से आरंभ हो गया था,जो रात 10 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
शिव योग – रात 10 बजकर 54 मिनट से आरंभ होकर 18 सितंबर तक
अमृत काल – सुबह 12 बजकर 06 से देर रात 01 बजकर 42 मिनट तक
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ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 41 मिनट से 5 बजकर 29 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 12:18 मिनट से दोपहर 03:07 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:24 मिनट से शाम 06:47 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त प्रात-11:15 से 12:25 बजे तक, दोपहर 1 से 2:15 बजे तक
आज का व्रत 17 सितंबर 2025- इंदिरा एकादशी
हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। ये पितृ पक्ष के दौरान पड़ता है। इसलिए इसका विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
इंदिरा एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक है
इंदिरा एकादशी व्रत के पारण का समय- इंदिरा एकादशी के दिन पारण 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से आरंभ होगा, जो 8 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा।
आज का पर्व 17 सितंबर 2025 – विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा पर शस्त्रों, औजारों, मशीनों आदि की पूजा की जाती है। बता दें कि भगवान विश्वकर्मा भगवान ब्रह्मा के 7वें पुत्र हैं, जिन्होंने ब्रह्मांड को बनाने में ब्रह्मा जी की मदद की थी। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला वास्तुकार व शिल्पकार माना जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से कारीगरों, शिल्पकारों, इंजीनियरों और औद्योगिक मजदूरों द्वारा मनाया जाता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजे से देर शाम 8 बजे तक रहेगा।
कन्या संक्रांति 2025
जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो संक्रांति होता है। ऐसे ही 17 सितंबर को सूर्य देव देर रात 01 बजकर 54 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में कन्या संक्रांति होगी। इस दौरान स्नान, दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है।
इंदिरा एकादशी श्राद्ध पर पितरों के तर्पण का समय
कुतुप मुहूर्त– सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक
रोहिण मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक
अपराह्न काल- इस दिन दोपहर 1 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 56 मिनट तक
आज का अशुभ समय 17 सितंबर 2025
राहुकाल का समय – दोपहर 12:21 बजे से दोपहर 01:52 बजे तक
यम गण्ड – सुबह 7:48 बजे से 9:19 तक
कुलिक – सुबह 10:50 से दोपहर 12:21 तक
दुर्मुहूर्त – सुबह 11:57 बजे से दोपहर 12:45 तक
वर्ज्यम् – दोपहर 02:28 बजे से 04:04 तक
सितंबर माह के तीसरे सप्ताह कई राजयोगों का निर्माण होने वाला है। इस सप्ताह शुक्र, सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे। इसके अलावा इस सप्ताह त्रिग्रही, बुधादित्य योग, नवपंचम, गजकेसरी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को इस सप्ताह विशेष लाभ मिल सकता है। आइए ज्योतिषी सलोनी चौधरी से जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि तक के जातकों का कैसा बीतेगा ये सप्ताह। जानें साप्ताहिक टैरो राशिफल