राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगर आपके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्र नहीं है और आप इसके बिना सड़क पर निकलते हैं तो दस हजार रुपए का जुर्माना भरने के लिए तैयार रहिए। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने शहर में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया है और वैध पीयूसी प्रमाणपत्र ना रखने वाले बहुत से वाहनों के लिए चालान भी जारी किए गए हैं।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने दिल्ली में चालीस टीमें तैनात की हैं, जो प्रमाणपत्र देखेंगी और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को दंडित करेंगी। ये टीमें दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा पहचाए गए 14 प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट पर ध्यान केंद्रित करेंगी। इनमें आनंद विहार, आरके पुरम, जहांगीरपुरी, विवेक विहार, मायापुरी शामिल हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि इन हॉटस्पॉट्स पर हमारी प्रवर्तन टीम की संयुक्त टीमें, डीपीसीसी अधिकारी और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी मिलावट और अशुद्धियों की जांच करने के लिए वाहनों से डीजल और पेट्रोल के नमूने भी एकट्ठा करेंगे।
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दिल्ली में संशोधित मोटर वाहन एक्ट वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं रखने पर एक हजार से लेकर दस हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। ये एक्ट एक सितंबर, 2019 से दिल्ली में लागू हो चुका है। जुर्माने की राशि एक साथ दस गुना बढ़ने पर दिल्ली के करीब एक हजार पीयूसी केंद्रों में अचानक भीड़ बढ़ गई थी और परिवहन विभाग ने उस महीने एक लाख से अधिक पीयूसी जारी किए थे।
इधर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेट, परमिट, पंजीकरण जैसे परिवहन से जुड़े सभी दस्तावेजों की वैधता को एक फरवरी से तीस सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया है। हालांकि इस पर दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक्सपायर्ड पीयूसी प्रमाणपत्र वाले वाहनों को ऐसी कोई छूट नहीं दी जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘वाहन मालिकों को इस धारणा में नहीं रहना चाहिए कि उन्हें वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होने पर छोड़ दिया जाएगा। उन्हें अपने वाहनों की किसी पीयूसी केंद्र पर समय पर जांच करानी चाहिए।’