प्रयाग कुंभ 2019 को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शादियों को लेकर जारी की गई एडवाइजरी के निशाने पर आने के बाद प्रशासन ने सफाई दी है। दरअसल सरकार ने स्थानीय लोगों से प्रयाग कुंभ मेले के दौरान गेस्ट हाउस, शादी घर और पार्किंग आदि को खाली रखने की अपील की थी। इसके बाद लोगों में चर्चा तेज हो गई है कि सरकार ने जनवरी, फरवरी और मार्च के महीने में शादी समारोह का आयोजन नहीं करने को कहा है। इस खबर के सामने आने के बाद न सिर्फ विरोधी दलों बल्कि आम लोगों ने भी विरोध प्रकट करना शुरू कर दिया।
…इसलिए की गई थी अपील
प्रशासनिक अधिकारियों ने इस संबंध में सफाई देते हुए कहा कि शादियों को रोकने का कोई भी आदेश जारी ही नहीं किया गया। उनके मुताबिक कुंभ जैसे बड़े आयोजन में करीब 12 से 15 करोड़ लोगों के आने की संभावना होती है। ऐसे में शाही स्नान के दिन खासतौर पर लोगों की तादाद बढ़ जाती है। इसी के मद्देनजर मेले में आने वालों और स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए यह अपील की गई थी।
ये हैं प्रमुख स्नान मुहूर्त
बड़े बारात घरों और गेस्ट हाउस आदि के संचालकों को भी शाही स्नान से एक दिन पहले और बाद में किसी भी आयोजन की बुकिंग न करने की सलाह दी गई थी। अधिकारी ने यह भी बताया कि इस तरह की अपील हर बार की जाती है। उल्लेखनीय है कि प्रयाग कुंभ के दौरान प्रमुख स्नान 15 जनवरी (मकर संक्रांति), 21 जनवरी (पौष पूर्णिमा), 4 फरवरी (मौनी अमावस्या), 10 फरवरी (बसंत पंचमी), 19 फरवरी (माघ पूर्णिमा) और 4 मार्च (महाशिवरात्रि) को है।