उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार (22 अक्टूबर) को राज्य के सभी छात्रों को स्कॉलरशिप देने का फैसला लिया है। यह निर्णय उन्होंने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान लिया। उन्होंने कहा, “सामान्य, पिछड़े, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अल्पसंख्यक सभी वर्गों के छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाएगी।” सभी छात्रों को स्कॉलरशिप देने के बाद बजट में जो पैसा बचेगा, उससे मेरिट के आधार पर छात्रों के शुल्क जमा किए जांएगे। हालांकि, एससी-एसटी के सभी छात्रों का शुल्क राज्य सरकार द्वारा ही जमा किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में इस बात पर भी निर्णय लिया गया कि एससी-एसटी की तरह ही सभी वर्गों के छात्रों को स्कॉलरशिप देने के लिए परिवार की इनकम लिमिट को बढ़ाकर दो से ढ़ाई लाख रुपये की जाए। इससे पहले उन छात्रों को ही स्कॉलरशिप का लाभ मिल रहा था, जिनकी पारिवारिक आय सलाना दो लाख रुपये से कम थी।

इस चालू वित्त वर्ष में कुल 1.10 करोड़ छात्रों ने स्कॉलरशिप और शुल्क जमा करने की योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। जबकि इससे पहले यह संख्या 60 से 70 लाख होती थी। इस साल अब तक 85 लाख छात्रों ने अपने आवेदन का फाइनल प्रिंट भी ले लिया है, जो पिछले साल 70 लाख ही थी।

समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने यह भी कहा कि, “राज्य के बाहर पढ़ रहे सामान्य वर्ग के छात्रों को भी स्कॉलरशिप और शुल्क जमा करने की योजना का लाभ मिलेगा।” इसके साथ ही बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण मामलों पर भी फैसले लिए गए। इस चालू वित्त वर्ष में 40 लाख से अधिक बुजुर्गों को वृद्धा पेंशन देने का फैसला किया गया, जबकि 2016-17 वित्तिय वर्ष में यह संख्या 36.52 लाख थी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पिछले साल 2017-18 में जहां 14580 जोड़ों की शादी करवाई गई थी। इस साल यह आंकड़ा 16 हजार से अधिक हो सकती है। 2018-19 में अभी तक 6361 जोड़ों की शादी करवाई जा चुकी है। नवंबर महीने में 10 हजार जोड़ों की शादी करवाने की तैयारी है।