उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ के उपर 2007 में दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में मुकदमा न चलाने की अपील को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मंजूर कर लिया गया था। परवेज परवेज नाम के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। मंगलवार (25 सितंबर) को इस शिकायतकर्ता को गोरखपुर पुलिस ने गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि 4 जून को पूर्व-पत्रकार और कार्यकर्ता परवेज के खिलाफ राजघाट पुलिस थाने में केस दर्ज करवाया गया था। गोरखपुर शहर के एडिशनल एसपी विनय कुमार सिंह ने बताया, “गोरखपुर पुलिस ने मंगलवार की रात कोतवाली क्षेत्र से परवेज को गिरफ्तार किया और उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।”
महिला थाने की इंचार्ज और इस केस की जांच अधिकारी शलिनी सिंह ने कहा, “4 जून को एक 40 वर्षीय महिला ने परवेज परवेज और जुम्मन के खिलाफ राजघाट पुलिस थाने में गैंगरेप का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया था। महिला ने आरोप लगाया कि तीन जून को वह जुम्मन के घर गई थी, वहां जुम्मन ने परवेज के साथ मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया।” इस मामले में मेडिकल जांच भी की गई है, जो यौन दुर्व्यवहार की पुष्टि करती है।
एसएचओ ने कहा कि, “पहले इस मामले की जांच राजघाट पुलिस स्टेशन के तहत की गई और उसके बाद 2 अगस्त को केस महिला थाना ट्रांसफर कर दिया गया। मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए गए बयान में पीडि़ता ने दो नामजद लोगों के खिलाफ आरोप लगाया है। जांच के क्रम में मिले सबूत के आधार पर परवेज को गिरफ्तार किया गया है। हम दूसरे आरोपी जुम्मन की तलाश कर रहे हैं।”
परवेज के वकील एस फरमान नकवी ने कहा, “मैंने दो दिन पहले परवेज और जुम्मन की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में मैंने कहा था कि राजघाट पुलिस थाने के जांचकर्ता ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दोनों आरोपियों के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के किसी तरह के सबूत नहीं मिले थे। यद्यपि, यह रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया और केस महिला थाना में ट्रांसफर कर दिया गया।”