आप के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव और मयंक गांधी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद आप नेतृत्व में पैदा हुई दरार को छुपाने को अपनी भूल माना है। यादव ने शुक्रवार को आप के अब तक के उतार-चढ़ाव पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर यह बात कही। आप से अलग हो चुके मयंक गांधी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘आप एंड डाउन’’ का विमोचन करते हुए यादव ने कहा कि देश के मौजूदा राजनीतिक हालात से घोर निराशा में डूबे करोड़ों लोगों को आप के गठन ने विकल्प की राजनीति की उम्मीद जगाई थी।
उन्होंने माना कि इस उम्मीद को जगाने की उपलब्धि का श्रेय अरविंद केजरीवाल को मिलना चाहिए। यादव ने इस उम्मीद को देश के जनमानस के दिल दिमाग का ‘वायरस’ बताते हुए कहा कि लोगों की उम्मीदों का टूटना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। मयंक गांधी ने यादव की इस बात से इत्तेफाक जताते हुए कहा कि इस पुस्तक में उन्होंने आप की स्थापना से लेकर अब तक के उतार-चढ़ाव की वास्तविक तस्वीर पेश करने की कोशिश की है। इसमें पार्टी में आई खामियों के अलावा अभी भी लोगों में इस पार्टी के प्रति बरकरार ‘बदलाव की उम्मीद’ का जिक्र किया है।
मयंक गांधी ने कहा कि मूल्यों से समझौता किए बिना जब चुनाव लड़ा तब आप ने 28 सीट जीता था और 2015 में जब मूल्यों के साथ थोड़ा बहुत समझौता किया तब पार्टी ने 67 सीटें जीतीं। यादव ने मयंक के इस आंकलन को सही बताते हुए कहा कि जीत-हार के गणित का यह मूल्याँकन आप के उतार चढ़ाव का आइना है। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को रिलायंस समूह ने गलत, विकृत और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने का हवाला देकर 5,000 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा है।
रिलायंस ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा भेजा गया नोटिस सिंह के 13 फरवरी की प्रेस वार्ता के संदर्भ में हैं, जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा फ्रांस की सरकार से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के बारे में मुद्दों को उठाया था। रिलायंस समूह द्वारा आरोप लगाया गया है कि प्रेस वार्ता में सिंह द्वारा दिए समूह के बारे में दिए गए बयान अपमानजनक और गंभीर मानहानि वाले थे। कारोबारी समूह ने कहा कि बयान से गंभीर बदनामी हुई और उनकी प्रतिष्ठा और साख को काफी नुकसान पहुंचा।