UP News: उत्तर प्रदेश के मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बलिया के बिचौलियों के बारे में दिए गए एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है और मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही समाजवादी पार्टी ने इस बयान को निंदनीय बताया है।

विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए आयोजित की गई एक वर्कशॉप में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए निषाद ने कहा था, “ये बलिया है, यहां के लोग अंग्रेजों के दलाल थे और दलाली का सिस्टम अभी भी चल रहा है। इसलिए बलिया भी बर्बाद है।” उन्होंने कहा, ‘‘अन्यथा, यह विद्रोहियों की भूमि थी जिसने अंग्रेजों को यहां से भगाया और देश को आजादी दिलाने में मदद की।’’

करणी सेना ने इनाम का किया ऐलान

मंत्री के बयान पर निशाना साधते हुए करणी सेना के जिला अध्यक्ष कमलेश सिंह ने कहा, “जो लोग खुद बलिया को बेचते हैं, वे शहीदों की धरती को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर मैं उनसे मिलूं, तो उनकी इस टिप्पणी के लिए उनकी जबान काट दूंगा और अगर मैं ऐसा नहीं कर पाया, तो बलिया के युवाओं से कहूंगा कि वे मेरे लिए ऐसा करें। जो भी ऐसा करेगा, उसे मैं 5 लाख रुपये का इनाम दूंगा और मैं फ्री में उसका मुकदमा भी लड़ूंगा।”

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उन्होंने कहा, “मैं बलिया का अपमान और अनादर बर्दाश्त नहीं करूंगा।” सूत्रों के अनुसार, स्थानीय संगठनों ने सोमवार को निषाद के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने उनका पुतला जलाने की भी कोशिश की, जिसके बाद स्थिति को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

मंत्री निषाद को ज्ञान प्राप्त करना चाहिए- सपा नेता

उत्तर प्रदेश विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा, “मंत्री (निषाद) को बलिया के बारे में कुछ भी बोलने से पहले ज्ञान प्राप्त कर लेना चाहिए। बलिया भारत के उन शुरुआती इलाकों में से एक था जिसे ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। बलिया के खिलाफ ऐसी अभद्र भाषा और वह भी एक मंत्री की ओर से, निंदनीय है।”

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