पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में ज्ञान की देवी मां ‘सरस्वती पूजा’ की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। जिले के धूपगुड़ी में बसंत पंचमी से पहले एक वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने की तैयारियां की जा रही हैं। यहां 15 शिल्पकार देवी सरस्वती की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने में दिन-रात एक करके जुटे हैं। इस मूर्ति की ऊंचाई 51 फीट होगी। यह पहल सेंट्रल डुआर्स प्रेस क्लब ने की है। क्लब अध्यक्ष कृष्णा डे ने कहा कि यह दुनिया की सबसे ऊंची सरस्वती प्रतिमा होगी।

अभी बांग्लादेश के नाम है रिकॉर्डः फिलहाल दुनिया की सबसे ऊंची सरस्वती प्रतिमा पड़ोसी देश बांग्लादेश के ढाका में है। ढाका यूनिवर्सिटी में बनी इस मूर्ति की ऊंचाई 34 फीट है। कृष्णा डे के मुताबिक इस प्रतिमा को रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड वालों से भी संपर्क किया गया। उल्लेखनीय है कि देवी सरस्वती की यह 51 फीट ऊंची मूर्ति बनाने में ढाई लाख रुपए से भी ज्यादा की लागत आएगी।

यूं आया रिकॉर्ड बनाने का विचारः कृष्णा डे बताते हैं कि जब उन्हें पता चला कि बांग्लादेश में देवी सरस्वती की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाकर पूजा की गई है तो सोचा भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? तभी से फैसला किय गया कि भारत में सबसे ऊंची सरस्वती प्रतिमा बनाएगी। इस प्रतिमा के आठ हाथ बनाए जा रहे हैं। यह देवी मातंगी का स्वरूप है। प्रतिमा के निर्माण में करीब ढाई लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। देवी मातंगी को उच्छिष्ट चांडालिनी और महा-पिशाचिनी के नाम से भी विख्यात हैं।