अफसर कई बार जनता के कामकाज को लेकर टाल-मटोल कर जाते हैं। लेकिन राजस्थान के बहरोड़ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें कुछ महिलाएं लाठी-डंडों के साथ तहसीलदार के दफ्तर पहुंची और उन्हें अपने साथ ले जाकर अतिक्रमण हटवाया। मामला अलवर के बहरोड़ इलाके के भीटेड़ा गांव का है, जहां महिलाएं रास्ते से अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहीं थी, लेकिन कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई कारवाई नहीं की जा रही थी। बताया जा रहा है कि पिछले 6 महीने से अफसर लगातार ग्रामीणों की शिकायत के प्रति लापरवाही बरत रहे थे। जिसके बाद लोगों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई कि गांव की महिलाओँ ने लाठी-डंडों के जोर पर प्रशासन से काम कराया।
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, बुधवार को भी ग्रामीण तहसीलदार और एसडीएम के दफ्तर पहुंचे थे। जिसके बाद एसडीएम ने गुरुवार की सुबह 10 बजे कारवाई का आश्वासन दिया था। यही वजह थी कि ग्रामीण गुरुवार सुबह ही तहसील आ पहुंचे और तहसीलदार को अपने साथ ही लेकर मौके पर पहुंचे। इस दौरान तहसीलदार के आदेश पर ना सिर्फ अतिक्रमण हटाया गया, बल्कि पटवारी से जमीन की पैमाइश भी करा दी गई। इसी बीच खबर आयी है कि मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धी के लोगों ने अपने गांव में सरकारी अधिकारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
ऐसा नहीं है कि सरकारी अधिकारियों के प्रति लोगों का गुस्सा कोई नयी बात है। इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें अधिकारियों को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। साल 2016 में मध्य प्रदेश सेंट्रल पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एक जूनियर इंजीनियर को तो एक मामले में अपनी जान ही गंवानी पड़ी थी। दरअसल कुछ लोग इंजीनियर के ऑफिस में बिजली के बिल को लेकर शिकायत करने आए थे। जिसे लेकर बात इतनी बढ़ी कि लोगों ने जूनियर इंजीनियर की पिटाई कर दी। इस पिटाई के कारण इंजीनियर को अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां उसकी मौत हो गई।