उत्तर प्रदेश के हाथरस में 20 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म और बर्बरता की घटना सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्सा है। इस बीच अलग-अलग जगहों से ऐसी ही कुछ अन्य घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। इसमें सबसे चौंकाने वाला मामला यूपी के ही बुलंदशहर जिले से आया है। यहां लड़कियों को परेशान करने वाले मनचलों को पकड़ने की जिम्मेदार एंटी-रोमियो स्कवॉड की प्रभारी ने ही सीनियर अफसर पर शारीरिक और मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया है। इस घटना के बाद बुलंदशहर प्रशासन में हड़कंप मचा है।

एंटी-रोमियो स्कवॉड की प्रमुख महिला कॉन्स्टेबल का आरोप है कि गुलावठी क्षेत्र के थाना प्रभारी ने उसकी नियुक्ति के दौरान शारीरिक शोषण किया। यहां तक कि ट्रांसफर के बाद भी थाना प्रभारी उसके पीछे ही पड़े हैं। महिला ने इस संबंध में राज्य के डीजीपी, एडीजी और बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से शिकायत की। फिलहाल इस मामले की जांच के लिए एसएसपी ने एक जांच समिति का गठन कर दिया है।

मौजूदा समय में महिला कॉन्स्टेबल महिला थाने में ही तैनात हैं। उसने अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि जुलाई 2017 से लेकर जुलाई 2020 तक वह गुलावठी थाने में तैनात थी। आरोप है कि फरवरी 2020 से ही थाने में तैनात निरीक्षक उनका शारीरिक और मानसिक शोषण करने लगे। प्रभारी निरीक्षक उनका हाथ पकड़कर खींचते और कहीं भी कंधे पर हाथ रखकर खड़े हो जाते। महिला कॉन्स्टेबल का आरोप है कि अफसर ने उसके साथ ऑफिस में ही गलत हरकत की। जुलाई 2020 में ट्रांसफर होने के बाद भी गुलावठी थाने के प्रभारी उसके मोबाइल नंबर से लेकर निजी जीवन की जानकारी हासिल करते थे।

पीड़िता पुलिसकर्मी ने चिट्ठी में ही प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ जांच और विभागीय कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, थाना प्रभारी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि महिला कॉन्स्टेबल का प्रेमी कुछ दिन पहले ही धारा 151 में जेल गया था। इसके बाद से महिला ने दबाव बनाने के लिए उन पर आरोप लगाने शुरू कर दिए थे। इस घटना का संज्ञान लेते हुए बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि मामले की जांच एक समिति करेगी। एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।