भाजपा सांसद केसी पटेल को जाल में फांसने व भयादोहन करने के मामले में गिरफ्तार महिला से पुलिस हिरासत में हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक यह महिला व्यवसाइयों व नेताओं से अब तक 20 करोड़ से ज्यादा की उगाही कर चुकी है। चौंकाने वाले तथ्य यह भी हैं कि सांसद केसी पटेल भी इस महिला को 1 लाख रुपए दे चुके हैं। लेकिन मामले को न उजागर करने की बड़ी कीमत ने सांसद की नींद उड़ा दी है। अब उन्हें कानून का सहारा लेना पड़ा है। ताजा मामले में फंसे वलसाड (गुजरात) के सांसद डॉक्टर पटेल के अलावा कई सांसद व नेता इसके देह-मोह में फंस चुके हैं। पुलिस को सात ऐसे खातों के विवरण मिले हैं जिनमें करोड़ों का हस्तांतरण है। सनद रहे कि देह मोह के जाल में फांसने में सफल रही महिला ने मामले को दबाए रखने की कीमत पांच करोड़ लगाई थी, जिसे चुकाने के बजाय सांसद ने पुलिस में जाना बेहतर समझा।
उम्रदराज संसदों को फांसने की बात आ रही सामने
दरअसल जांच में यह मामला बलात्कार से इतर षड्यंत्र रचने, वादाखिलाफी और भयादोहन का लग रहा है। आरोपी महिला लोकसभा की वेबसाइट से उम्रदराज सांसदों और पूर्व सांसदों के फोन नंबर हासिल कर उससे फोन पर बात कर उसे फांसने की कोशिश करती। मेलजोल तब बात पहुंचने के बाद वह अपने मकसद पर आ जाती। पहले शिकार को उनके ठिकाने पर उनसे मिलती फिर अपने ठिकाने पर बुलाती। मौका देख स्टिंग कर सीडी बना लेती और फिर रसूख के हिसाब से उस स्टिंग के दाम मांगती।
उधर पुलिस का कहना है कि एक युवती समेत आधा दर्जन लोगों के जुड़े होने की जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस का कहना है कि आरोपी महिला अपने साथ कई खुफिया कैमरे लेकर चलती थी। उसके चश्मे व पेन में कैमरे होते थे। पुलिस को शक है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बदमाश भी इस प्रकरण में शामिल हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त मुकेश कुमार मीणा का कहना है कि यह संगठित गिरोह है। इस गिरोह के निशाने पर हाई प्रोफाइल लोग हैं। अब तक तीन सांसदों से उगाही करने की बात सामने आई है। अगर इस महिला को नहीं पकड़ा जाता तो कई और सांसद उसका शिकार बन सकते थे।
दिल्ली के अलावा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई नेताओं के संपर्क में थी। तफ्तीश में जुड़े एक अन्य अधिकारी के मुताबिक पुलिस का एक दल मुजफ्फरनगर में दबिश दे रहा है। मामले में कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। हालांकि पुलिस इसे सार्वजनिक नहीं करेगी क्योंकि मामले ‘आपसी सहमति’ से बनने और रफा-दफा होने से जुड़ा है। एक आरोपी महिला ने अपने फेसबुक पेज पर वरिष्ठ भाजपा नेता व राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के साथ भी अपनी तस्वीरें लगा रखी हैं। दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के कई नेताओं से संपर्क में थी। कुछ सीडी व आॅडियो क्लिप बरामद किए गए हैं।
मोहपाश में फंस चुके हैं कई बड़े नेता!
हरियाणा से राज्यसभा सदस्य शादीलाल बत्रा (76), उत्तराखंड के भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत सरीखे नाम इस महिला से जुड़े हैं। महिला ने इनके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया है। फिर मकसद में कामयाब होने के बाद नाम वापस ले लिया। 2014 में महिला ने रावत के खिलाफ सफदरजंग थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। जबकि बत्रा ने तिलक मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई। बाद में महिला अदालत में अपने बयान से पलट गई और मामला वापस ले लिया। इतना ही नहीं दिल्ली के एक चर्चित दरगाह के सूफी उपदेशक पर इसी गिरोह की एक दूसरी महिला ने बलात्कार के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। बाद में उसने आरोपी सूफी पर शादी का दबाव डाला। बयान से पलटी और फिर अदालत से आरोपी सूफी बरी हुए।
खुफिया कैमरों से लैस है महिला का ठिकाना
ज्यादातर मामले में महिला भयादोहन में सफल हुई है। इंदिरापुरम स्थित किराए के मकान में बना इस महिला का ठिकाना कई खुफिया कैमरे से सुसज्जित हैं। कमरे में पूरा कंट्रोल रूम सरीखा है। महिला अकेली रहा करती है। खुफिया कैमरे में कैद हो रही तस्वीरों को सुरक्षित संचित रखने के जो उपकरण वहां लगाए गए थे उसकी क्षमता काफी ज्यादा थी।
महिला के पास हैं काफी शैक्षिक योग्यता
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की रहने वाली 30 साल की आरोपी महिला पांच साल पहले लोक सेवा आयोगों की तैयारी करने दिल्ली आई थी। उसके पास एमए (अंग्रेजी), एमए (राजनीतिक विज्ञान), एलएलबी व एलएलएम की डिग्री है। हालाकि पुलिस को डिग्रियों पर शक है। और वह डिग्रियों की भी जांच करेगी । सभी डिग्री उसने मुजफ्फरनगर से हासिल की है।

