उत्तर प्रदेश पुलिस कुछ पदों के लिए आउटसोर्सिंग भर्ती करने वाली है। जब यह जानकारी एक पत्र के जरिए सोशल मीडिया पर वायरल हुई और कुछ वक़्त बाद पत्र को निरस्त कर दिया गया तो हड़कंप मच गया। सवाल उठाए जाने लगे और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। अब यूपी सीएम योगी इस मामले को लेकर खासे नाराज बताए जा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस मामले को लेकर सफाई दी है और कहा है कि पत्र त्रुटिवश जारी हो गया था। डीजीपी ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से पहले से लिया जा रहा है लेकिन गलती से यह मिनिस्टीरियल स्टाफ के नाम से जारी हो गया। इसे अब निरस्त कर दिया गया है और ऐसा कोई आदेश अमल में नहीं लाया जा रहा है।
क्या था पूरा मामला?
यह पत्र पुलिस कमिश्नर, IG रेंज, एडीजी जोन, पुलिस अधीक्षकों के नाम जारी हुआ था जिसमें लिखा था कि पुलिस विभाग आउटसोर्सिंग के जरिए कई पद भरने वाला है। जब पत्र जारी होकर निरस्त हुआ तो इससे युवाओं में खासा असंतोष बना और सोशल मीडिया पर लिखा गया कि अगर पत्र गलती से जारी हुआ तो कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? इस मामले को लेकर कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी खासे नाराज हैं और यूपी पुलिस के अफसरों पर इसकी गाज गिर सकती है।
युवाओं में नाराजगी
ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की इस गलती से युवाओं में काफी गुस्सा बन सकता है। जिसकी वजह उन्हें मिली एक उम्मीद के अचानक टूट जाने जोड़कर देखी जा रही है।
जब सर्कुलर वायरल हुआ तो जॉब को लेकर एक चर्चा चल पड़ी लेकिन अचानक इसे निरस्त करने की खबर सामने आने के बाद अब युवाओं में नाराजगी बन सकती है। यूपी पुलिस ने कहा है कि इस तरह का आदेश फिलहाल शासन के अधीन विचार में नहीं है।