बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो 20 दिनों के अंदर कानून में बदलाव होगा। नए कानून के तहत बिहार के परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। सरकारी नौकरी देने का वादा कई पार्टियां समय-समय पर करती रहती हैं। बिहार में भी पिछले कई सालों से रोजगार को लेकर अलग-अलग योजनाएं शुरू की गई हैं, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि राज्य अभी भी पिछड़ा है, बेरोजगादी दर ज्यादा है।
बिहार में कितनी है बेरोजगारी?
नीति आयोग की 2022-23 की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में बेरोजागरी दर 3.9 फीसदी दर्ज की गई। राष्ट्रीय स्तर पर उस समय बेरोजगारी दर 3.2 फीसदी रही। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेरोजगारी का ज्यादा होना चिंता का विषय बना हुआ है।
वर्ष | बिहार में बेरोजगारी दर (%) |
2023-24 | 10% |
2022-23 | 14% |
2021-22 | 20% |
2020-21 | 17% |
2019-20 | 18% |
2018-19 | 31% |
2017-18 | 23% |
बिहार में बेरोजगारी दर तो है ही, लेकिन यहां भी एक आंकड़ा ज्यादा परेशान करता है। भारत सरकार का श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) बताता है कि बिहार में पढ़े-लिखे लोगों में भी बेरोजगारी दर काफी ज्यादा है, यहां भी ग्रेजुएशन कर चुके लोग भी बिना नौकरी के बैठे हैं। नीचे दी गई टेबल से समझने की कोशिश करते हैं-
शिक्षा स्तर | बेरोजगारी दर (%) |
निरक्षर | 0.80% |
प्राथमिक तक | 0.90% |
मिडल | 3% |
सेकेंडरी | 1.30% |
हायर सेकेंडरी | 5.10% |
डिप्लोमा/प्रमाण पत्र कोर्स | 5.40% |
स्नातक | 14.70% |
स्नातक और उससे ऊपर | 19% |
ऊपर दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार में बेरोजगारी दर ज्यादा है। यहां भी सरकारी नौकरियों को लेकर तो काफी मारामारी है। तेजस्वी वादा जरूर हर घर में एक शख्स को सरकारी नौकरी देने की कर रहे हैं, लेकिन कई आंकड़े बताते हैं कि खाली पड़े पद भरना भी सरकार के लिए चुनौती साबित हो रहा है।
बिहार में कितने सरकारी पद खाली?
बिहार सरकार ने जो जाति सर्वेक्षण किया था, उसके मुताबिक राज्य में कुल 2.76 करोड़ परिवार हैं। यहां 16.27 लाख सरकारी नौकरियां हैं जिसमें से 11.54 लाख लोग काम कर रहे हैं। वहीं 4.73 लाख पद खाली चल रहे हैं। नीचे दी गई टेबल से इस ट्रेंड को समझते हैं-
पद | वैकेंसी |
शिक्षा विभाग | 2.17 लाख |
स्वास्थ्य विभाग | 65,000 |
गृह विभाग | 42,414 |
ग्रामीण विकास विभाग | 11,784 |
पंचायती राज विभाग | 5,551 |
पशुपालन विभाग | 4,814 |
ग्रामीण कार्य विभाग | 3,346 |
कृषि विभाग | 3,015 |
पथ निर्माण विभाग | 2,465 |
नगर विकास विभाग | 1,948 |
अगर तेजस्वी के ऐलान का विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि वादे का पूरा होना मुश्किल है। बिहार में 13 करोड़ 7 लाख की आबादी है, यहां भी 2 करोड़ 83 लाख परिवार हैं। 2023 का जो जाति सर्वेक्षण हुआ था, उससे पता चला कि 20 लाख लोगों के पास सरकारी नौकरी है। अगर ऐसा अनुमान लगाया जाए कि ये नौकरियां अलग-अलग परिवारों में बंटी हुई है, उस स्थिति में कहा जा सकता है कि बिहार में 2 करोड़ 63 लाख परिवार ऐसे हैं जिनके किसी भी सदस्य के पास सरकारी नौकरी नहीं होगी। इसके लिए उन्हें हर महीने 13 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों की भर्ती करनी होगी, जबकि पूरे देश में केंद्र सरकार के पास कुल 36 लाख सरकारी नौकरियां हैं।
तेजस्वी को इन्हीं 2 करोड़ 63 लाख परिवारों के हर सदस्य को 20 महीनों के अंदर सरकारी नौकरी देनी पडे़गी। इसके ऊपर तेज्वी ने पहले कहा था कि उन्होंने अपनी 17 महीने की सरकार के दौरान पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिलवाई थी। अगर इसे सही माना जाए हर महीने 29 हजार लोगों को सरकारी नौकरी बिहार में मिली थी। अब इस स्पीड की अगर वर्तमान ऐलान से तुलना की जाए तो पता चलता है कि हर परिवार को सरकारी नौकरी देने में 20 महीने नहीं 74 साल लग जाएंगे।
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