लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने ही परिवार पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं। उनकी ओर से तेजस्वी यादव, उनके रणनीतिकार संजय यादव और रमीज पर भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोपों और जवाबों के इस दौर के बीच अब इस विवाद की असली वजह सामने आने लगी है।
आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी तेजस्वी यादव की कोर टीम के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे। इसी वजह से 15 नवंबर की दोपहर तेजस्वी यादव और रोहिणी आचार्य के बीच बहस शुरू हो गई।
बहस के दौरान रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी की चुनावी रणनीति पर गंभीर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि तेजस्वी लगातार संजय यादव और उनकी टीम के सुझावों पर चलते रहे, इसलिए हार की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी चाहिए।
जब तेजस्वी ने इस आरोप पर नाराज़गी जताई, तो रोहिणी ने पलटकर कहा कि चुनाव का पूरा कंट्रोल तेजस्वी के ही पास था, इसलिए जिम्मेदारी से भागा नहीं जा सकता। आज तक की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बहस के दौरान रोहिणी ने संजय यादव के साले सुमित का जिक्र किया।
सुमित, तेजस्वी का पीए था और इसी को लेकर रोहिणी ने सवाल उठाए। कहा जा रहा है कि इन्हीं तीखे आरोपों के बीच तेजस्वी भड़क गए और स्थिति चप्पल उठाने तक पहुंच गई।
जब मामला बिगड़ने लगा तो मीसा भारती ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला। कहा जा रहा है कि इस तकरार के बाद रोहिणी आचार्य तुरंत घर छोड़कर निकल गईं। राबड़ी देवी ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन रोहिणी तेजस्वी से बेहद नाराज़ थीं, इसलिए उन्होंने अलग जाना ही बेहतर समझा।
इससे पहले भी तेज प्रताप के परिवार से बेदखल होने पर बड़ा विवाद देखने को मिल चुका है। तब भी सोशल मीडिया पर ड्रामा हुआ था और तेजस्वी–तेज प्रताप के बीच लंबी खींचतान चली थी। अंत में लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को परिवार से बेदखल कर दिया था और पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखाया था।
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