दिल्ली की एक अदालत ने 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ मामले में पुलिस इंसपेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के लिए पिछले हफ्ते दोषी ठहराए गए आरिज खान को मौत की सजा सुनाई। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और इंडियन मुजाहिदीन के ऑपरेटिव्स के बीच दिल्ली के जामिया नगर के बाटला हाउस में सितंबर 2008 में मुठभेड़ हुई थी। ये मुठभेड़ राष्ट्रीय राजधानी में सीरियल ब्लास्ट के कुछ ही दिनों बाद हुई थी। ब्लास्ट में कम से कम 26 लोग मारे गए थे और 133 लोग घायल हुए थे।

मुठभेड़: 13 सितंबर, 2008 को कनॉट प्लेस, करोल बाग, ग्रेटर कैलाश और इंडिया गेट पर पांच बम विस्फोट हुए थे। इंडियन मुजाहिदीन ने विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी। मामले की जांच करने और अपराधियों का पता लगाने के लिए इंसपेक्टर शर्मा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। बाटला हाउस के एक फ्लैट में संदिग्धों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद 19 सितंबर को यह मुठभेड़ हुई थी। पुलिस ने एक मोबाइल नंबर के यूजर का पता लगाने के लिए फ्लैट पर छापा मारा था।

जब पुलिस ने फ्लैट में घुसने की कोशिश की, तो इंस्पेक्टर शर्मा और हेड कॉन्स्टेबल बलवंत सिंह को गोली लगी और वे घायल हो गए। मोहम्मद आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद भी घायल हुए और बाद में एम्स में मृत घोषित कर दिए गए। इंस्पेक्टर शर्मा ने भी दम तोड़ दिया। शहजाद अहमद और आरिज खान कथित रूप से मौके से भाग निकले। मोहम्मद सैफ ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

मुकदमा: पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद, मोहम्मद आतिफ अमीन,मोहम्मद साजिद, आरिज़ खान और शहजाद अहमद के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। फ्लैट में रह रहे लोगों में से एक मोहम्मद सैफ के खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया था। शहजाद को एटीएस लखनऊ ने 2010 में गिरफ्तार किया था। उसे आजमगढ़ में उसके दादा के घर से गिरफ्तार किया गया था। उसे 2013 में साकेत कोर्ट ने दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

आरिज खान को कब गिरफ्तार किया गया था?: दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा 2018 में गिरफ्तार किए जाने से पहले आरिज खान एक दशक तक फरार रहा था। पुलिस के मुताबिक, 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के कथित मास्टरमाइंड अब्दुल सुभान कुरैशी की सूचना पर आरिज को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था।

अदालत ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह एक “प्रशिक्षित अपराधी” है और “एक सामान्य व्यक्ति” नहीं है। इससे पहले पुलिस ने उसके बारे में जानकारी देने पर 5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के रडार पर भी था। NIA ने भी आरिज पर 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।

खान पर दिल्ली में छह अन्य मामले भी दर्ज हैं और मुकदमें अभी लंबित है। बाटला हाउस मुठभेड़ मुकदमे को लेकर खान ने पिछले महीने अदालत से कहा कि उन्हें वकील द्वारा कही गई बातों के सिवा कुछ नहीं कहना है।

आरिज खान ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है। अभियोजन पक्ष ने सोमवार को आरिज के लिए अदालत से मौत की सजा की प्रार्थना की।