Rtd. DGP Prashant Kumar with Premanand Maharaj: उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने 28 अगस्त को बृज भूमि वृंदावन पहुंचे थे। यहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया था। वहीं रिटायरमेंट के बाद जीवनशैली को लेकर संत प्रेमानंद महाराज ने उन्हें जीवन के नए पड़ावों को लेकर मार्गदर्शन भी दिया। प्रेमानंद महाराज और प्रशांत कुमार की मुलाकात का वीडियो उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी रिलीज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने अपनी पत्नी के साथ वृंदावन के केली कुंज आश्रम पहुंचकर प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया था। प्रेमानंद महाराज ने पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार से कहा कि उन्होंने प्रदेश की सेवा खूब कर ली, उन्हें भगवान की भक्ति का स्मरण करिए। उन्होंने कहा कि भगवान का स्मरण ही जीवन का आखिरी अहम फल है।
जीवन को लेकर कहीं ये ज्ञान की बातें
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार से प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भगवान का स्मरण ऐसा हो कि हमारा शरीर जब छूटे तो भगवान की स्मृति में छूटे। पूर्व में ऐसे स्वीकृत किए कि इस जन्म में मानव देह मिला और मानव देह पवित्र भारत देश में और फिर पूरा पूरा प्रदेश का अधिकार आपके हाथ में रहा।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अब यह है कि हमारा अगला जब जन्म हो तो हम फिर मनुष्य जन्म में जन्मे और ऐसा कर्म करें जिससे हम अपने देश को सुख प्रदान करें और अपने समाज को सुख प्रदान करें. अब इसके नीचे ना गिरे।
‘अपने आपको भगवान की शरण…’
प्रेमानंद महाराज ने वीडियो में प्रशांत कुमार से बातचीत के दौरान कहा कि मनुष्य जन्म के नीचे ना गिरे, 84 लाख योनियां है ना तो मनुष्य जन्म के नीचे ना गिरे। अपने को भगवान की शरण में साबित करें, तो अब हमें लगता है, भगवान ने आपको सब कुछ दिया ही है तो अब एकांत में भगवान का चिंतन जितना अधिक कर सके उतना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि समाज की सेवा तो पूरा जीवन हो गया करते हुए। भगवान ही परिवार की सेवा के रूप में आए हुए हैं, हमारा तो हृदय सबके लिए है कि सब कोई आनंदित रहे, सब सुखी रहे, सब प्रसन्न रहें।
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