पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें आईं है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कूच बिहार में हिंसा में 20 लोग घायल हो गये हैं। इनका सरकारी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।  राज्य निर्वाचन आयोग ने दावा किया है कि चुनाव के लिए सुरक्षा के सभी इंताजम पुख्ता हैं और लगभग 71,500 सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। लेकिन हिंसा की लगातार घटनाएं सरकार के दावे पर सवाल खड़ी कर रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कूच बेहरा में दो ग्रुप आपस में भिड़ गये। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब वे वोट देने के लिए मतदान केंद्र गये तो टीएमसी से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने उनपर हमला किया। घायलों का एमजेएन अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना में पिछली रात को सीपीएम का एक कार्यकर्ता और उसकी पत्नी अपने घर में तब जिंदा जल गई, जब रात को उसके घर में आग लगा दी गई। सीपीएम का आरोप है कि इस हमले के पीछे भी टीएमसी का हाथ है। इस घटना के बाद स्थानीय लोग खौफ में हैं। आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पश्चिम बंगाल के बिलकंडा में भी एक बीजेपी कार्यकर्ता पर हमला हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक इस शख्स पर चाकुओं से हमला किया गया है, इसके पीछे टीएमसी कार्यकर्ताओं का हाथ है। एक अस्पताल में इस शख्स का इलाज चल रहा है।

बता दें कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सोमवार (14 मई) सुबह सात बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई। सुबह से ही समाज के विभिन्न तबके के लोगों को मतदान केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में कतारों में खड़े देखा गया। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में अनुमान जताया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन चुनाव में वाममोर्चे और कांग्रेस को पीछे छोड़ देगी और तृणमूल के समक्ष मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी के तौर पर उभरकर सामने आएगी। आंकड़ों से पता चलता है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 58,692 सीटों में से 20,076 सीटों पर पहले ही निर्विरोध उम्मीदवार चुन लिए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग से निर्विरोध जीतने वाले उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट जारी नहीं करने को कहा है।