कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वालीं रिटायर आईपीएस अधिकारी भारती घोष सोमवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में बीजेपी में शामिल हो गईं। द इंडियन एक्सप्रेस ने घोष की राजनीति में शामिल होने की योजना और राज्य में टीएमसी सरकार से “बदला लेने” की योजना के बारे में सबसे पहले जानकारी दी थी। घोष ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा था कि, “मैं निश्चित रूप से जल्द ही एक राजनीतिक पार्टी में शामिल हो जाऊंगी। जब मैंने उनके (टीएमसी के) निर्देशों का पालन किया, तो मुझे एक ईमानदार अधिकारी के रूप में देखा गया। लेकिन जैसे ही मुझे लगा कि ये लोग गलत हैं तो मैनें अपना रास्ता अलग किया तो उन्होंने मेरे खिलाफ आपराधिक मामले शुरू किए। घोष ने कहा कि मैं उन्हें (टीएमसी) जवाब देने के लिए दृढ़ हूं।” घोष, के खिलाफ सीआईडी जबरन वसूली की जांच कर रही है। घोष, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, भाजपा महासचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुईं। वहीं द एशियन ऐज के मुताबिक भारती घोष के पति सीआईडी की कस्टडी में हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल में भाजपा परिवार का विकास जारी है। मैं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष का पार्टी में स्वागत करता हूं।” भाजपा के सूत्रों ने कहा कि घोष के भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। घोष को पश्चिम मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक के रूप में झारग्राम के अतिरिक्त प्रभार के रूप में तैनात किया गया था क्योंकि 2011 में टीएमसी के राज्य चुनाव जीतने के बाद बनर्जी मुख्यमंत्री बनी थीं।
क्षेत्र में माओवादी गतिविधि को रोकने में उनकी सक्रिय भूमिकाओं को ध्यान में रखते हुए, उन्हें 15 अगस्त 2014 को एक सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। बनर्जी के साथ उसकी गहरी निकटता को देखते हुए, चुनाव आयोग ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान घोष को क्षेत्र से बाहर ट्रांसफर कर दिया था, इसके बाद 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों से उनके खिलाफ शिकायतें मिलने के बाद फिर ट्रांसफर किया गया।

