राम नवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों से हिंसक झड़प होने की खबरें सामने आई थीं। पश्चिम बर्धमान जिले में आसनसोल और रानीगंज के खई इलाकों में दो गुटों के आपस में भिड़ने का मामला सामने आया था। इन हिंसा की खबरों के बाद राज्य के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने शनिवार को आसनसोल और रानीगंज के तनावग्रस्त इलाकों का दौरा किया। साथ ही स्थानीय अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। त्रिपाठी ने इस हफ्ते की शुरुआत के दौरान सांप्रदायिक तनाव से ग्रस्त इलाकों के मौजूदा हालात का जायजा लिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रानीगंज में 26 मार्च को संघ से संबंधित लोगों द्वारा आयोजित रामनवमी के जुलूस में दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी। इस दौरान एक बम फटने से पुलिस उपायुक्त को अपना हाथ गंवाना पड़ा था। साथ ही इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना में पुलिसकर्मी समेत कई अन्य लोगों को गंभीर चोटें आई थीं।

साथ ही आसनसोल के अन्य हिस्सों में भी सांप्रदायिक तनाव फैल गया था, जिसके कारण प्रशासन को इलाके में निषेधाज्ञा लागू करने को मजबूर होना पड़ा और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई। इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गठित चार सदस्य समिति रविवार को संकटग्रस्त इलाके का दौरा करेगी और अपनी रिपोर्ट जमा करेगी।

इसके अलावा राज्य सरकार से गृह मंत्रालय ने भी इन घटनाओं पर रिपोर्ट मांगी है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने हालांकि केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया और इस तनाव के लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया। आपको बता दें कि रानीगंज में 26 मार्च को झड़प के दौरान कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई थी। हिंसा भड़काने के लिए 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया और स्थानीय सांसद व बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो को इलाके का दौरा करने से रोक दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने जानकारी दी थी कि आसनसोल में बीजेपी द्वारा रामनवमी जुलूस निकालने के दौरान हिंसा भड़की थी। कथित तौर पर जुलूस उस जगह से ले जाया गया जहां मुस्लिम ज्‍यादा संख्‍या में रहते हैं। दो समूहों के बीच पुलिस के हस्‍तक्षेप करने के बावजूद हिंसक भिड़ंत हुई।