पिछले दिनों अपने संसदीय क्षेत्र आसनसोल में हिंसा की वजह से आलोचना का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आसनसोल में हिंसा के चलते उन्होंने पीएम के समक्ष इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से मिला था और इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन उन्होंने मना करते हुए कहा कि अपनी ‘लड़ाई’ जारी रखूं।” सुप्रियो ने इससे पहले एक अप्रैल को किए अपने ट्वीट में कहा था कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आसनसोल की दो हिंसापूर्ण घटनाओं के बाद राजनीति छोड़ने और एक मंत्री के रूप में इस्तीफा देने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री से मिला, लेकिन 24 घंटे काम करने वाले पीएम मोदी ने राजनीति से संन्यास लेने के बजाय तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाली सीएम ममता सरकार के खिलाफ मुकाबला करने की सलाह दी दी।
बता दें कि आसनसोल हिंसा के समय भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुप्रियो को उनके संसदीय क्षेत्र में जाने से रोक दिया गया था। इस दौरान भाजपा समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें भी सामने आईं। हालांकि, पश्चिम बंगाल संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था भाजपा राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इस पर बाबुल सुप्रियो ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर ममता सरकार पर आरोप लगाया था कि हिंसा प्रभावित रानीगंज में अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग वाहनों से आए और दुकानों में आग लगा दी। उन्होंने दूसरे समुदाय के लोगों को घरों से निकालकर उनके साथ बुरी तरह मारपीट भी की।
गौरतलब है कि 25 मार्च, 2018 को रामनवमी के दौरान दो समुदाय के बीच टकराव की वजह से आसनसोल में हिंसा शुरू हुई थी। इस हिंसा में कई लोगों की मौत हुई, जबकि काफी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।