उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में मीट बेचने वालों पर राज्य सरकार जहां सख्त हो गई है, वहीं पश्चिम बंगाल की ममता सरकार मांसाहारी खाना लोगों घर डिलवर करने की योजना बना रही है। योजना का नाम Meat on Wheelz है, जो कोलकता में घर-घर जाकर डिलिवरी करेगी। इस पहल की शुरुआत वेस्ट बंगाल लाइवस्टॉक डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (WBLDCL) के मशहूर ब्रांड ‘हरिंघता मीट’ ने की है। यह ब्रांड साधारण मीट के अलावा बटेर, बतख, टर्की और इमू जैसे गैर पारंपरिक भी उपलब्ध कराती है। अधिकारियों ने बताया कि पका हुआ नॉन-वेज खाना ले जाने के अलावा इसमें हरिंघता के पैक आईटम भी बेचे जाएंगे।
यह स्कीम पशु संसाधन विकास विभाग के मंत्री स्वप्न देबनाथ ने सोमवार को विभाग के सॉल्ट लेक स्थित हेडक्वार्टर पर लॉन्च की। कोलकता में डिलिवरी के लिए शुरुआत में तीन वैन रखी गई हैं। अधिकारी ने बताया, “अगर पॉयलेट प्रोजेक्ट सफल रहता है तो वाहनों की संख्या बढ़ा दी जाएगी और अन्य जिलों में भी सुविधा दी जाएगी।” मंगलवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर की गई कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जाति, सम्प्रदाय और धर्म के नाम पर हो रहे भेदभाव से लोग डरे हुए हैं।” ‘बटेर बिरयानी, गुंडाराज टर्की और डक रोस्ट’ कुछ ऐसी व्यंजन हैं जो बेचे जाएंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि ‘हरिंघता मीट’ ब्रांड की सेल पिछले कुछ सालों में तीन गुनी हो गई है। इसकी वजह है कि बटेर, बतख और टर्की के मीट की मांग दोगुनी हो गई है। अधिकारी ने कहा, “2014-15 में हमनें मीट के जरिए 4.35 लाख की बिक्री की थी। 2015-16 में यह आंकड़ा 9.58 लाख रुपए तक पहुंच गया। इतना ही नहीं, अहारे बंग्ला फूड फेस्टिवल को भी जोड़ लिया जाए तो यह सेल 10 लाख तक पहुंच गई थी।” अहारे बंग्ला एक वार्षिक फूड फेस्टिवल है जो पश्चिम बंगाल सरकार आयोजित करती है।

