पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ गुरुवार (13 दिसंबर, 2018) को हिंसा भड़काने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। घोष पर आरोप है कि उन्होंने हाल के दिनों में पश्चिमी मिदनापुर के केशीरी में दिए भाषण में आपत्तिजनक बात कही। दरअसल बीते बुधवार को घोष पार्टी रैली में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा, ‘अगर वो हमारी पंचायत समीतियों को तोड़ने आएंगे, टीएमसी कार्यकर्ताओं को गाड़ देंगे, पुलिसकर्मियों की वर्दी उतारकर उनकी खाल उधेड़ दी जाएगी। पुलिसकर्मी होने के बाद भी उन्हें माफ नहीं किया जाएगा।’ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘हमने दिलीप घोष और आयोजकों के खिलाफ मामला शुरू किया है। इसके अलावा एक केस आईपीसी की धारा 505, 506 और 120B के तहत केस दर्ज किया गया है।’ हाल के दिनों में पंचायत चुनाव में सीटें जीतने के बाद भी भाजपा ने केशीरी में पंचायत समिति बोर्ड का गठन नहीं किया है। इस पर पार्टी ने आरोप लगाया है कि इस मामले में टीएमसी और राज्य सरकार की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को इसी मुद्दे के लिए मीटिंग बुलाई गई।
शुक्रवार को भाजपा नेता घोष ने कहा, ‘मैंने उसी तरह बात की जैसी पूर्व की राजनीतिक रैलियों में करता आ रहा हूं। यह दुर्भाग्य है कि मेरे खिलाफ केस दर्ज किया गया। बदमाश और अन्य लोग गोलीबारी में शामिल है मगर बंगाल पुलिस द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।’ वहीं पश्चिमी मिदनापुर के भाजपा अध्यक्ष ने केस दर्ज होने पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘दिलीप बाबू के खिलाफ केस दर्ज करने में कोई फायदा नहीं है। अगर पुलिस तटस्थ स्टैंड नहीं लेती है तो लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।’ दूसरी तरह राज्य की सत्ता पर काबिज टीएमसी ने कहा कि घोष के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज कराने की योजना है। टीएमसी जिला अध्यक्ष अजीत मैती ने यह बात कही है।