भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के निदेशक शेखर बसु ने आज यहां कहा कि उत्तरी गोलार्द्ध में विश्व का सबसे बड़ा दूरबीन लद्दाख में बन रहा है और यह 2017 तक तैयार होगा जिसे रिमोट से मुंबई से संचालित किया जाएगा।
बसु ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘2016 के अंत तक या 2017 तक मेजर एटमोस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरीमेंट :एमएसीई: तैयार होगा। इसका संचालन मुंबई से होगा क्योंकि लद्दाख में शून्य से 40 डिग्री कम तापमान में वर्ष भर कई लोग काम नहीं कर सकते। मुंबई से यह हर वक्त संचालित होगा।’
उन्होंने कहा कि उत्तरी गोलार्द्ध के सबसे बड़ा गामा रे दूरबीन का व्यास 45 मीटर है जो अंतरिक्ष से आने वाले कणों का पता लगाएगा। परमाणु वैज्ञानिक ने कहा, ‘14 अरब वर्ष पहले ब्रह्मांड के जन्म के समय की घटनाओं का पता लगाया जाएगा और यहां उनकी निगरानी की जाएगी।’
उन्होंने कहा कि इस दूरबीन से कई खोज होंगी। लद्दाख के हेनले गांव में इस दूरबीन को लगाया जा रहा है जो समुद्र तल से 4500 मीटर की उच्च्ंचाई पर स्थित है।
बीएआरसी ने दूरबीन बनाने के लिए हैदराबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन आॅफ इंडिया को काम सौंपा है।