पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती होने के इंतजार में मंगलवार (11 अगस्त, 2020) को एक कोरोना मरीज ने हॉस्पिटल के बाहर दम तोड़ दिया। 60 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला ईएम बायपास स्थित हॉस्पिटल के बाहर इलाज के इंतजार में काफी देर तक एंबुलेंस में ही पड़ी रही जबकि उनके रिश्तेदार हॉस्पिटल द्वारा मांगी रकम की व्यवस्था में जुटे थे। पूर्वी मिदनापुर तामलुक निवासी महिला के पति भी कोरोना मरीज थे और हाल के दिनों में उनकी मौत हो गई।
मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि हॉस्पिटल के अधिकारियों ने मरीज को एडमिट करने के लिए तीन लाख रुपए की फीस मांगी। जब हम पैसों की व्यवस्था में जुटे थे तब हॉस्पिटल के बाहर ही उनकी मौत हो गई। हमने हॉस्पिटल को पहले ही बता दिया था कि मरीज की हालत बहुत गंभीर है कि परिवार जल्द ही पैसे जमा कर देगा।
इधर परिजनों ने महिला की मौत के लिए हॉस्पिटल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है जबकि अस्पताल ने इससे इनकार किया है। डॉक्टरों ने कहा कि हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही मरीज की मौत हो चुकी थी।
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दूसरी तरफ हावड़ा में एक अन्य घटना में एक शख्स से हॉस्पिटल प्रशासन ने कथित तौर पर 51 हजार रुपए जमा करने की मांग की जब उसने कोरोना के शिकार अपने पिता से मिलने की इच्छा जाहिर की। हालांकि इसके पहले ही उनके पिता की कोविड-19 से मौत गई। पीड़ित के परिजनों के मुताबिक हॉस्पिटल ने उनकी मौत के बारे में तुरंत जानकारी नहीं दी। बीते रविवार को दोपहर बाद मृतक के पुत्र को हॉस्पिटल से फोन आया और बताया गया कि सुबह एक बजे उनके पिता की मौत हो गई।
मृतक के पुत्र सुभाष गुप्ता ने बताया, ‘जब हम हॉस्पिटल पहुंचे, हम बताया गया कि शव को पहले ही अंतिम संस्कार के लिए भेजा जा चुका है। हमसे शव देखने के लिए 51 हजार रुपए मांगे गए।’ बताया जाता है कि परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर 2,500 रुपए के भुगतान के बाद शव को देखा।