पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ वामपंथी नेता और अविभाजित मिदनापुर ज़िले में सीपीएम के तत्कालीन ज़िला सचिव दीपक सरकार का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने सोमवार रात लगभग 11:15 बजे मिदनापुर शहर स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि दीपक सरकार लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। वह 80 साल के थे

तमाम नेता चाहे वे किसी भी दल से जुड़े हों, उनके निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। दीपक सरकार 1992 से 2015 तक लगातार 23 वर्षों तक माकपा के जिला सचिव पद पर रहे। एक समय दीपक सरकार सीपीएम के राज्य सचिवालय के सदस्य भी थे। उन्हें पार्टी के ट्रेड यूनियन के एक कद्दावर नेता के रूप में जाना जाता था। हालांकि, 2015 में पार्टी का जिला सचिव बनने के बाद उन्होंने खुद ही पद छोड़ दिया था। बाद में, 2022 में उन्होंने राज्य सचिवालय से भी इस्तीफा दे दिया।

दीपक सरकार का पार्थिव शरीर दान किया जाएगा

जिला माकपा नेतृत्व ने बताया है कि दीपक सरकार का पार्थिव शरीर आज मंगलवार सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पार्टी के जिला कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर, वहां से शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए एक जुलूस निकाला जाएगा और दीपक सरकार के पार्थिव शरीर को मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया जाएगा। वहां दिवंगत माकपा नेता का पार्थिव शरीर दान किया जाएगा।

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राजनीति में आने से पहले मिदनापुर कॉलेज में प्रोफेसर थे दीपक सरकार

राजनीति में आने से पहले दीपक सरकार मिदनापुर कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर काम करते थे। उन्होंने मिदनापुर में कई बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत की। शहीद खुदीराम योजना भवन से लेकर खेल विकास अकादमी और विद्यासागर स्वास्थ्य संस्थान तक, दीपक सरकार इन परियोजनाओं के मुख्य वास्तुकारों में से एक थे। मिदनापुर मेडिकल कॉलेज की स्थापना में भी उनके योगदान को आज भी कई लोग स्वीकार करते हैं।