पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने शनिवार को चुनाव के बाद हिंसा का शिकार हुए नंदीग्राम का दौरा किया। उन्होंने यहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। कई महिलाओं और उनके बच्चों की हालत देखने और उनकी गुहारें सुनने के बाद एक मौके पर तो राज्यपाल भावुक हो उठे और बार-बार गमछे से अपने आंसू पोछने लगे।
दरअसल, नंदीग्राम दौर पर पहुंचने के बाद धनखड़ को दर्जनों लोगों ने घेर लिया था। यहां महिलाएं उन्हें अपनी व्यथा सुनाने लगीं, तो धनखड़ ने हाथ जोड़ लिए। इस दौरान एक महिला ने तो राज्यपाल के हाथ पकड़ लिए। इस पर राज्यपाल ने अपने कान पकड़े और गमछे से आंसू पोछने लगे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।
‘ऐसी प्रतिशोधात्मक हिंसा के बारे में कभी नहीं सुना’: हिंसा पीड़ितों की आपबीती सुनने के बाद राज्यपाल ने नंदीग्राम से ही ममता सरकार को घेर लिया। उन्होंने कहा, “COVID-19 के कारण राज्य बहुत ही गंभीर संकट से गुजर रहा है। वहीं चुनाव के बाद यहां जमकर हिंसा हुई। मैंने चुनाव के बाद ऐसी प्रतिशोधात्मक हिंसा के बारे में कभी नहीं सुना। मैं सीएम से अपील करूंगा कि यह उचित समय है और वे इस विषय पर ध्यान दें। राज्य के लाखों लोग पीड़ित हैं।”
‘हम सभी एक ज्वालामुखी पर बैठे हैं’: धनखड़ ने आगे कहा, ‘यह वो समय है जब हम चैन की नींद नहीं ले सकते। हमारे राज्य के लिए यह बड़ी चुनौती है। हम एक ज्वालामुखी पर बैठे हैं, जहां लोग अपने घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर हैं। वे हत्या, रेप, लूट और जबरन वसूली के शिकार हो रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री पूरी गंभीरता से इस स्थिति पर ध्यान देंगी और सभी संबंधितों को पुनर्वास, मुआवजे के लिए निर्देशित करेंगी। ताकि यह भरोसा पैदा हो सके कि हम एक समाज के रूप में एकजुट हैं। विभाजनकारी ताकतों को नियंत्रित किया जाना चाहिए।
सोशल मीडिया यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया: बंगाल के राज्यपाल के इन बयानों पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रिया दी। राजेश यादव नाम के एक यूजर ने कहा, “जब चुनाव हो रहे थे लोग रैलियां कर रहे थे तब इनके मुह में दही जमा रखी थी क्या जब लोगों को आपस में लडाया जा रहा था तब कहां थे।” एक अन्य यूजर अभिषेक मिश्रा ने राष्ट्रपति शासन की वकालत करते हुए कहा, “बंगाल की हिंसा को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए क्योंकि अब वहां के लोग लोकतंत्र और संविधान से परे हैं अब वहां राज्यपाल को तुरंत एक्शन में आना चाहिए और केंद्र सरकार को इस हिंसा पर तत्काल एक्शन लेते इस पर विराम लगाना चाहिए बहुत दुखद स्थिति है बंगाल की।”