पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ और राज्य की ममता बनर्जी सरकार के बीच शासन व्यवस्था को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इसी सिलसिले में राज्यपाल धनखड़ ने गुरुवार को राज्य सरकार को हास्यास्पद बता दिया। नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में धनखड़ ने कहा, “आपको पता नहीं है बंगाल में क्या हो रहा है। कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और पुलिस-नौकरशाह शासन कर रही पार्टी के राजनैतिक गुलामों की तरह काम कर रहे हैं। अपराध का ग्राफ ऊपर जा रहा है और आतंकी संगठन अलकायदा मुर्शीदाबाद में पर फैला रहा है।”

धनखड़ ने आरोप लगाया कि बंगाल में इस वक्त अप्रत्यक्ष रूप से अराजकता फैली है और राजनीतिक हिंसा चिंता का विषय बन चुकी है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में बम बनाने वाली अवैध फैक्ट्रियां है और हर कार्यक्रम में बम चल रहे हैं। इन्हें एंबुलेंस में रख कर ले जाया जा रहा है। बंगाल में राजनेता मारे जा रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि यह एक लोकतंत्र तो बिल्कुल नहीं है। लोकतंत्र को बचाना मेरी जिम्मेदारी है। मैं आलोचना करने में विश्वास नहीं करता। मैं सिर्फ चीजें ठीक करने में भरोसा करता हूं और वह बातचीत के जरिए ही हो सकता है। लेकिन वे शायद ही मेरी चिट्ठियों का जवाब देते हैं। इन हालात में आखिर कैसे मेरे जैसा संवैधानिक प्रमुख अच्छी नींद ले सकता है?

राज्य में अनुच्छेद 154 लागू करने की चेतावनी दे चुके हैं राज्यपाल: पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने के मुद्दे पर धनखड़ ने कहा कि इस वक्त उनके मीडिया संबोधन का मकसद इस बारे में बात करने का नहीं है। बता दें कि कुछ दिन पहले भी धनखड़ ने आरोप लगाया था कि बंगाल पुलिस तृणमूल सरकार के कैडर की तरह काम कर रही है। उन्होंने धमकाते हुए कहा था कि अगर इस तरह से चीजें जारी रहीं तो उन्हें संविधान के अनुच्छेद 154 की तरफ देखना होगा, जो राज्य में सारी शक्तियां राज्यपाल को लेने का अधिकार देता है। नवंबर में अपने दार्जिलिंग दौरे पर धनखड़ ने कहा कि एक राज्यपाल के पास राज्य में कहीं भी जाने का अधिकार होता है। इसलिए मैं वहां जाकर स्थानीय लोगों की समस्याओं के बारे में जानूंगा।

तृणमूल कांग्रेस ने राज्यपाल को बताया झूठा: धनखड़ के इन आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने कहा, “उन्हें (धनखड़ को) अपनी तनख्वाह का औचित्य साबित करना होता है। उनका दार्जिलिंग दौरा कुछ नहीं, बल्कि छुट्टी का बहाना है, क्योंकि इस बार पहाड़ियों पर मौसम काफी अच्छा है।” बंगाल में कानून व्यवस्था पर उठे सवालों पर रॉय ने कहा कि राज्यपाल झूठ बोल रहे हैं और बहका रहे हैं। हम उन्हें दोष नहीं देते, क्योंकि भाजपा की तरफ से बोलना उनकी मजबूरी है। आखिर क्यों वे उत्तर प्रदेश और अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरफ नहीं देख रहे, जहां के अपराध पूरे देश में लहर पैदा कर रहे हैं।

मुर्शिदाबाद के आतंकियों का केंद्र बनने के आरोप पर रॉय ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल के पद पर बैठा एक व्यक्ति ऐसे बयान दे रहा है। चूंकि मुर्शिदाबाद में बड़ी मुस्लिम जनसंख्या है, इसलिए कोई पूरे जिले को आतंक का केंद्र नहीं घोषित कर सकता। यह बेहद गलत है।