पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक़्त नहीं बचा है। सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को कोलकाता में रैली करने की इजाजत नहीं मिली है। जिसके चलते उन्हें 25 फरवरी को होने वाली रैली रद्द करनी पड़ी है।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि ओवैसी को अल्पसंख्यक बहुल मेतियाब्रुज़ इलाके में रैली के जरिए बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का प्रचार अभियान का आगाज़ करना था। एआईएमआईएम के प्रदेश सचिव जमीर उल हसन ने बताया कि पुलिस ने रैली के लिए उन्हें इजाजत नहीं दी। हसन ने बताया, ‘हमने इजाज़त के लिए 10 दिन पहले आवेदन दिया था, मगर आज हमें पुलिस ने सूचित किया कि वे हमें रैली करने की इजाज़त नहीं देंगे। हम टीएमसी के ऐसे हथकंडों के आगे झुकेंगे नहीं। हम चर्चा करेंगे और कार्यक्रम की नई तारीख बताएंगे।’
वहीं कोलकाता पुलिस ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार दिया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत रॉय ने रैली के लिए इजाजत नहीं मिलने में अपनी पार्टी की भूमिका से इनकार किया। औवेसी ने मंजूरी न देने के फैसले का तोड़ निकाला है, बताया जाता है कि वह अगले महीने ब्रिगेड परेड मैदान पर रैली कर सकते हैं।
यह रैली फुरफुरा शरीफ के अब्बास सिद्दीकी के साथ की जाएगी। सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट की सीपीएम और कांग्रेस के साथ चल रही गठबंधन की बातचीत कामयाब नहीं रही। मतभेद सीटों के लेकर रहे। अब कहा जा रहा है कि इससे नाराज सिद्दीकी असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं।
बता दें बिहार के विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम के पक्ष में अच्छे नतीजे आने के बाद असदुद्दीन ओवैसी बंगाल के चुनावी दंगल में पार्टी की किस्मत आजमाना चाहते हैं। बिहार में उनकी पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ी और पांच सीटों पर उसने जीत हासिल की। उसे इन सीटों पर 14.28 प्रतिशत वोट मिले हैं।
गुजरात निकाय चुनाव में भी AIMIM ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अहमदाबाद में AIMIM के सात उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।