कर्नाटक के हावेरी जिले के कडाकोल गांव में भूमि को लेकर छिड़े विवाद ने सांप्रदायिक तनाव का रूप ले लिया। मारपीट में पांच लोग घायल हो गए। घटना के बाद गांव में सुरक्षा की दृष्टि से 200 पुलिसकर्मियों के साथ केएसआरपी की चार टुकड़ियां तैनात की गई हैं। विवाद की जड़ में यह अफवाह थी कि एक धार्मिक स्थल के आसपास की ज्यादातर संपत्तियों को वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में चिह्नित किया गया है। इससे स्थानीय लोगों में यह डर फैल गया कि उनकी जमीनें जब्त कर ली जाएंगी, जिसके चलते उन्होंने समुदाय विशेष के घरों और इमारतों पर हमला कर दिया।

अब तक 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कडाकोल गांव में बुधवार रात हिंसा हुई, जिसमें ग्रामीणों ने वक्फ बोर्ड के अधिग्रहण की आशंका के चलते दूसरे समुदाय के घरों पर हमला किया। पुलिस के मुताबिक, सावनूर तालुक का यह गांव अब शांत है, और गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति का हुबली के केआईएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिला पुलिस अधीक्षक अंशु कुमार ने बताया कि हालात नियंत्रण में हैं और कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब तक इस मामले में 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

वक्फ संपत्तियों पर उठे सवाल और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

वक्फ मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी पर वक्फ संपत्तियों के बारे में गलतफहमी फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गांव के किसानों को इस बात से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी जमीनें उनसे नहीं छीनी जाएंगी। जमीर अहमद का कहना था कि यह घटना “बहुत दर्दनाक” है और इस प्रकार के सांप्रदायिक दंगे कभी इस गांव में नहीं हुए थे।

प्रशासन की सफाई और सांसद का बयान

हावेरी जिले के डिप्टी कमिश्नर विजय महंतेश ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने सहायक आयुक्तों और तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि वे वक्फ बोर्ड द्वारा सूचीबद्ध संपत्तियों के दस्तावेजों का सत्यापन करें और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उनका कहना है कि सभी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के अधीन नहीं हैं और इस मामले में भ्रम फैलाने की जरूरत नहीं है। दूसरी ओर, हावेरी के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि किसानों को जारी किए गए नोटिस वापस लिए जाएं और भूमि रिकॉर्ड से वक्फ संपत्ति वर्गीकरण हटाया जाए।

विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब हावेरी जिला वक्फ बोर्ड ने न्यायालय परिसर सहित शिगगांव तालुक के ताडास गांव में हिंदू कब्रिस्तान पर स्वामित्व का दावा किया। ये क्षेत्र क्रमशः 20 और 19 एकड़ भूमि पर स्थित हैं। यह दावा किसानों के बीच भय का एक प्रमुख कारण बन गया है, क्योंकि इस दावे से यह संकेत मिलता है कि वक्फ बोर्ड भविष्य में अन्य संपत्तियों पर भी अधिकार जताने का प्रयास कर सकता है।

कुल मिलाकर, इस घटना ने कडाकोल गांव में सांप्रदायिक तनाव को जन्म दे दिया है और राज्य सरकार को इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।