लखनऊ में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी पुलिसकर्मी के समर्थन में पुलिस विभाग में ही आवाज उठने लगी है। कई पुलिसकर्मियों ने आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट किए हैं। एक पोस्ट में दावा किया गया है कि आगामी 6 अक्टूबर को प्रशांत चौधरी के समर्थन में प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। हालांकि पुलिस प्रशासन ने इस पर सख्ती दिखाते हुए पोस्ट करने वाले पुलिसकर्मी को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन के दावों को अफवाह करार दिया है। बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मी की पहचान सर्वेश चौधरी के रुप में हुई है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में सर्वेश चौधरी कहता सुनाई दे रहा है कि उसे भी विवेक तिवारी के परिजनों से सहानुभूति है लेकिन लोगों को पुलिसवालों को गुंडा और हत्यारा कहना बंद कर देना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो हमारी चुप्पी के गंभीर परिणाम होंगे। इसके साथ ही सर्वेश चौधरी ने इस वीडियो में मीडिया और राजनेताओं पर भी पुलिसकर्मियों का समर्थन नहीं करने का आरोप लगाया है।

वहीं द टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार, गुरुवार को करीब 300 पुलिसकर्मियों ने इलाहाबाद में बंद दरवाजे के पीछे एक बैठक की है। इस बैठक में शामिल सभी पुलिसकर्मियों का मानना है कि विवेक तिवारी हत्याकांड के आरोपी पुलिसकर्मी प्रशांत चौधरी और संदीप राणा बेगुनाह हैं और उन्हें आरोपमुक्त किया जाए। इस बैठक में शामिल एक पुलिसकर्मी ने पहचान ना जाहिर करने की शर्त पर कहा कि उनमें से अधिकतर लोग साल 2014 से 2016 तक अखिलेश यादव की सरकार में पुलिस में भर्ती हुए हैं। पुलिसकर्मी ने आरोप लगाया कि “योगी आदित्यनाथ सरकार पहले एंटी-रोमियो स्कवॉड बनाती है और हमें महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ को रोकने को कहती है, बाद में यही सरकार हमें एंटी-लवर घोषित कर देती है।”

पुलिसकर्मी ने आगे कहा कि “सरकार अपराधियों को हटाने के लिए एनकाउंटर स्कवॉड का गठन करती है और बाद में हमें हत्यारों को रुप में पेश करती है। हमें ऐसी सरकार नहीं चाहिए।” वहीं पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर पुलिस के आला अधिकारी काफी गंभीर हैं। डीआईजी प्रवीण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को लेकर वह काफी गंभीर हैं। हमारी टीम लगातार इस पर नजर बनाए हुए है। हमने एक पुलिसकर्मी को इसी के चलते सस्पेंड भी कर दिया है और उसके खिलाफ हजरतगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज करा दी है। वहीं अन्य पोस्ट्स में से अधिकतर फर्जी हैं और ऐसे लोगों ने पोस्ट की हैं, जो पुलिसकर्मी भी नहीं हैं। हम इसकी जांच कर रहे हैं और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।”