उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक बेहद ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां नौबस्ता गांव के कुछ लोगों ने एक युवक की मौत पर गुस्सा निकालते हुए पुलिस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है। दरअसल, नौबस्ता गांव का 22 वर्षीय युवक धनीराम यादव 25 फरवरी की शाम को लापता हो गया था, जिसके बाद परिजनों और गांव वालों ने पुलिस में शिकायत की थी। बाद में युवक की बाइक उसके ही घर के सामने खून से लथपथ खड़ी मिली। परिजनों ने फिर पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिस की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। 28 फरवरी को धनीराम का शव रजवापुर गांव के पास राप्ती नदी में मिला। युवक का शव मिलने के बाद दोनों गांव के लोगों के मन में पुलिस के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो भड़के हुए गांव वालों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ही युवक का शव नदी में फेंका था। उसके बाद लोगों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई शुरू कर दी। गांव के पुरुष, महिलाएं और बच्चों सबने मिलकर पुलिस की टीम को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
ईटीवी के मुताबिक गांव वालों के हमले में आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। लोगों ने उनकी वर्दी तक फाड़ दी थी। ग्रामीणों से बचने के लिए पुलिस वाले इधर उधर भागे। कई थानों की फोर्स ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। ग्रामीणों को रोकने के लिए आंसू गैस भी छोड़नी पड़ी। फिलहाल पुलिस ने 11 नामजद और 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं मृतक की पत्नी, ससुर समेत 11 लोगों को जेल में डाल दिया है। पुलिस लगातार ही गांव वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पुलिस के डर से गांव के अधिकतर पुरुष फरार चल रहे हैं। लोगों ने पुलिस के विरोध में इस बार होली का जश्न भी नहीं मनाया। बता दें कि धनीराम के लापता होने पर उसके पिता ने बहू अन्नू और ससुर के खिलाफ हत्या के लिए अपहरण करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।

