वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर सहित मस्जिद परिसर की वीडियोग्राफी पर विवाद शुरू हो गया है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने वीडियोग्राफी कराए जाने के फैसले का विरोध जताया है। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद के ज्वाइंट सेक्रेटरी एस एन यासीन ने कहा है कि सर्वे के लिए किसी भी गैर मुस्लिम को मस्जिद में घुसने नहीं दूंगा।
वाराणसी की अदालत ने 6 और 7 मई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है। जिस पर बात करते हुए एस एन यासीन ने कहा, ”श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मस्जिद बैरिकेडिंग के बाहर है अगर सर्वे करना ही है तो वह श्रृंगार गौरी का सर्वे करें हमें उसमें आपत्ति नहीं है, वह प्रशासन का मामला है। हम मस्जिद के अंदर किसी गैर मुस्लिम को आने नहीं देंगे। जिसे श्रृंगार गौरी के मंदिर में जाना है, वह जाए।”
6-7 मई को होगी कार्रवाई: 26 अप्रैल को वाराणसी के सिविल जज सिनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए ईद के बाद और 10 मई के पहले काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में वीडियोग्राफी का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसमें दोनों पक्ष से लोग शामिल रहेंगे साथ ही कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन पूरी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराएगी। कमीशन की कार्रवाई के लिए 6 मई को दोपहर 3 बजे का समय तय किया है। अदालत ने कार्रवाई की रिपोर्ट 10 मई को पेश करने को कहा है।
मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर नहीं जाने देंगे: अदालत के इस फैसले पर ज्ञानवापी मस्जिद के ज्वाइंट सेक्रेटरी एस एन यासीन ने आरोप लगाया कि ये सब धार्मिक द्वेष और राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद वे कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई के लिए मस्जिद के अंदर किसी को नहीं जाने देंगे। कोर्ट के आदेश की अवहेलना के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम अंजाम भुगतने के लिए तैयार हैं, लेकिन मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर किसी को जाने नहीं दिया जाएगा।
सुरक्षा पर खतरा: एस एन यासीन का कहना है कि 1993 में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर सुरक्षा प्लान में यह तय हुआ था कि ज्ञानवापी मस्जिद में मुसलमानों और सुरक्षाकर्मियों के अलावा कोई और प्रवेश नहीं करेगा। अब अगर यहां वीडियोग्राफी होगी तो सोशल मीडिया से वीडियो बाजार में आ जाएगा और सुरक्षा प्लान का क्या मतलब रह जाएगा?