Varanasi Court Premises: उत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट परिसर में वकीलों के एक ग्रुप ने एक पुलिस उपनिरीक्षक और कांस्टेबल पर कथित तौर पर हमला किया। पुलिस ने बताया कि भूमि विवाद के एक मामले में एक वकील और उनके प्रतिद्वंद्वियों पर शांति भंग करने का मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद मंगलवार को वाराणसी कोर्ट परिसर में यह घटना हुई।
पुलिस के अनुसार, घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत स्थिर है। अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे।
सहायक पुलिस आयुक्त नितिन तनेजा ने कहा कि हमलावरों की पहचान के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को जब दोनों घायल पुलिसकर्मी अदालत पहुंचे, तो वकीलों के एक समूह ने कथित तौर पर उन्हें घेर लिया और उनके नाम और उनकी तैनाती की जानकारी पूछने लगे। इसके तुरंत बाद, वकीलों ने पुलिसकर्मियों पर हमला करना शुरू कर दिया।
पुलिस के अनुसार, वकीलों ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों को भी हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और दोनों को बचाया। कचहरी परिसर में जिला अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारियों ने बार काउंसिल के पदाधिकारियों संग बैठक कर डैमेज कंट्रोल किया।
हाल ही में पुलिस ने वकील को रथयात्रा चौराहे पर पीटा था
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिन पहले वरिष्ठ वकील शिव प्रताप सिंह अपनी पत्नी के साथ भेलूपुर थाने के रथयात्रा चौराहे के पास जा रहे थे। इसी चौराहे के पास ट्रैफिक का डायवर्जन किया गया था। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने वकील शिव प्रताप सिंह को नो एंट्री का हवाला देकर रोक दिया। इसी बीच वकील शिव प्रताप सिंह और पुलिसकर्मियों में बहस हुई, जो मारपीट में तब्दील हो गई। वकील शिव प्रताप सिंह को भेलूपुर थाने के एक एसआई ने इतना मारा था कि खून से लथपथ वकील शिव प्रताप को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराना पड़ा था। इस मामले में वकीलों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के बाद पुलिस कमिश्नर कार्यालय से ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को संतुलित व्यवहार और गाड़ियों के चेकिंग के लिए दिशा-निर्देश जारी करने पड़े थे।
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जिस दिन वकील शिव प्रताप सिंह के साथ घटना हुई थी, उसी के अगले दिन बड़ागांव थाने में भी एक घटना हुई थी। जानकारी के अनुसार, एक जमीन के मामले में पैरवी करने गए वकील मोहित को बड़ागांव थाने में रखा गया। जानकारी के अनुसार वकील के साथ थाने के भीतर पुलिसकर्मियों ने मारपीट की। जिसके बाद वकील मोहित को अगले दिन अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
इन दो घटनाओं से वकीलों में था आक्रोश
बड़ागांव थाने में हुई इस घटना की भी चर्चा आज कचहरी परिसर में जोरों पर थी। इसी बीच बड़ागांव थाने से एक मामले में एसआई मिथिलेश प्रजापति और उनके एक सहयोगी कचहरी पहुंचे थे। इसी बीच कचहरी परिसर में ही वकीलों के एक ग्रुप ने इन पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने वाले वकीलों ने एसआई मिथिलेश प्रजापति को इतना मारा की, वो अचेत हो गए। आनन-फानन में मिथिलेश को अस्पताल ले जाया गया, जहां स्थिति गम्भीर होने पर मिथिलेश को ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया।
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