गुजरात की वडोदरा पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने पीएफआई से संबंधित एक मदरसे की जांच कर उसे सील कर दिया है और ट्रस्टियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने उस मदरसे को सील किया है, जहां ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल की मीटिंग हुई थी।
वडोदरा पुलिस और गुजरात एटीएस ने संयुक्त रूप से जांच करते हुए पीएफआई से जुड़े एक मदरसे को सील कर दिया है। पुलिस का कहना है कि इस मदरसे में पीएफआई के सहयोगी एआईआईसी की बैठक हुई थी। एसीपी ने बताया कि पीएफआई के सहयोगी संगठन एआईआईसी को प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एटीएस और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक मदरसे को सील किया है, जहां पर एआईआईसी की बैठक हुई थी। अब मदरसे के ट्रस्टियों से पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि पिछले दिनों सरकार ने पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंधित संगठनों में एआईआईसी भी शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूएपीए की धारा 3(1) के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों या मोर्चों को 5 साल के लिए बैन कर दिया था। सरकार ने इन संगठनों को गैरकानूनी संघ घोषित किया है।
पीएफआई और एआईआईसी के अलावा, नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेश (NCHRO), रिहैब फाउंडेशन इंडिया (RIF), नेशनल विमंस फ्रंट, जूनियर फ्रंट जैसी संस्थाएं शामिल हैं। टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए कुछ दिन पहले एनआईए ने पीएफआई के कई नेताओं के घर पर छापेमारी की थी और कई नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके विरोध में पीएफआई समर्थकों ने देश में प्रदर्शन किए थे।
पीएफआई दावा करता है कि वह अल्पसंख्यकों, दलितों और हाशिए पर मौजूद दूसरे समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ता है। साल 2007 में इस संगठन का जन्म हुआ था। जब स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर प्रतिबंध लगा दिया गया, तो पीएफआई उभरकर सामने आया।