गणतंत्र दिवस (26 जनवरी, 2019) पर केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड कैबिनेट मिनिस्टर ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एक अधिकारी को मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया। शनिवार को पुरस्कार मिलने के चंद घंटों के भीतर ही अधिकारी पर रिश्वतखोरी का आरोप लग गया। खास बात यह है कि जिस वक्त केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा और उत्तराखंड कैबिनेट मिनिस्टर हरक सिंह रावत अल्मोड़ा में शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारी जगमोहन सोनी को पुरस्कार प्रदान कर रहे थे उसी वक्त वक्त देहरादून में उन्हें पद से हटाने का आदेश टाइप हो रहा था। अल्मोड़ा में तैनात अधिकारी पर शिक्षकों की भर्ती के लिए लाखों रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा है।
खबर के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर आधिकारिक छुट्टी होने के बाद भी संबंधित अधिकारी को जगमोहन सोनी को हटाने के आदेश पर हस्ताक्षर करने को कहा गया। जानकारी के मुताबिक अल्मोड़ा से हटाए गए अधिकारी को देहरादून में शिक्षा निदेशालय से अटैच कर दिया गया है। हालांकि सरकारी आदेश में सोनी को हटाने की वजह अभी साफ नहीं हो सकी है। मगर शिक्षा विभाग में तैनात अन्य अधिकारियों का कहना है कि सोनी पर सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में रिश्वत लेने का आरोप है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जगमोहन सोनी ने खुद के खिलाफ कार्रवाई होने और उन्हें पद से हटाए जाने की पुष्टि भी की है। हालांकि उन्होंने खुद पर लगे आरोपों से साफ इनकार किया। सोनी ने कहा कि उन्हें खुद पर लगे आरोपों के बारे में जानकारी है लेकिन जो आरोप लगे हैं वो आधारहीन है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा में मेरे योगदान के लिए जिस दिन मुझे सम्मानित किया गया उसी दिन पद से हटा दिया गया। यह अन्याय है।’