उत्तराखंड सरकार का पर्यटन विभाग राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को एक सूत्र में पिरोने के लिए विभिन्न धार्मिक ‘सर्किट’ का गठन करने जा रहा है। इसके अलावा उत्तराखंड और नेपाल के बीच पर्यटन और धार्मिक ‘सर्किट’ भी बनेगा। नेपाल और भारत के बीच बनने वाले धार्मिक और पर्यटन ‘सर्किट’ में चार पर्यटक और धार्मिक स्थल नेपाल और चार उत्तराखंड के होंगे। इस ‘सर्किट’ को पर्यटक चार दिन में घूम सकेंगे।

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में शिव ‘सर्किट’, देवी ‘सर्किट’, नवग्रह ‘सर्किट’, धारी देवी ‘सर्किट’, 51 शक्ति पीठ ‘सर्किट’ व नाथ ‘सर्किट’ बनाए जाएंगे। उत्तराखंड सरकार राज्य में विभिन्न स्थानों पर मौजूद भगवान शंकर के पौराणिक शिवालयों को शिव ‘सर्किट’ में शामिल कर रही है। इसके लिए प्रदेश के 24 पौराणिक शिव मंदिरों का चयन कर लिया गया है।

शिव ‘सर्किट’ में अल्मोड़ा के पौराणिक जागेश्वर महादेव मंदिर, पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में स्थित पाताल भुवनेश्वर मंदिर ,बागेश्वर के बागनाथ में स्थित बागनाथ महादेव मंदिर ,चंपावत क्रांतेश्वर महादेव मंदिर, नैनीताल के भीमताल में स्थित भीमेश्वर महादेव मंदिर, उधम सिंह नगर के काशीपुर में स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर, टिहरी जिले के नरेंद्र नगर में स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम में स्थित केदारनाथ महादेव मंदिर, उखीमठ में स्थित मद्महेश्वर महादेव मंदिर, चोपता में स्थित तुंगनाथ महादेव मंदिर शामिल होंगे।

साथ ही उत्तरकाशी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर, हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर, चमोली के रुद्रनाथ में स्थित रुद्रनाथ शिव मंदिर, उर्गम में स्थित कल्पेश्वर महादेव मंदिर, नीति घाटी में स्थित टिंबरसैण महादेव मंदिर, पौड़ी में स्थित क्यूंकालेश्वर महादेव मंदिर, यमकेश्वर में स्थित नीलकंठ महादेव, सतपुली में स्थित एकेश्वर महादेव, थैलीसैंण में स्थित बिनसर महादेव, लैंसडाउन में स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर, देहरादून के गढ़ी कैंट में स्थित टपकेश्वर महादेव और लाखामंडल में स्थित पौराणिक शिव मंदिर को शिव ‘सर्किट’ में शामिल किया गया है।

नवग्रह ‘सर्किट’ में में अल्मोड़ा जिले के मानिला में स्थित मानिला देवी, कटारमल में स्थित सूर्य देव मंदिर, खलबाग स्थिति शनिदेव मंदिर, चंपावत जिले के रमक में स्थित सूर्य मंदिर, नैनीताल जिले के ओखलकांडा में स्थित बृहस्पति मंदिर, टिहरी जिले के पलेठी गांव में स्थित सूर्य मंदिर, उत्तरकाशी जिले के खरसाली में स्थित शनि मंदिर, पौड़ी जिले के पैठाणी में स्थित राहु मंदिर शामिल हैं।

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि इन सभी देवी देवताओं के ‘सर्किट’ बनाने से इन मंदिरों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान मिलेगी। वहीं, इन पौराणिक मंदिरों का रखरखाव सही तरीके से हो सकेगा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य के पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए विभिन्न स्थलों का ढांचागत विकास सुदृढ़ करने की ओर भी ध्यान दे रही है. जिस तरह से इस साल चार धामयात्रा में तीन महीने में 28 लाख से ज्यादा लोग उत्तराखंड में आए और 35 लाख श्रद्धालुजनों ने चार धामों की यात्रा के लिए अपना पंजीयन कराया। इससे उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं अत्यधिक प्रबल हुई हैं।

उत्तराखंड सरकार का पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं के आराध्य और इष्ट देव ‘सर्किट’ बना रहा है। इसके लिए नागराजा एवं गोलज्यू मंदिर ‘सर्किट’, विष्णु राम एवं नरसिंह मंदिर ‘सर्किट’ और नवग्रह ‘सर्किट’ के तहत मंदिरों को चिन्हित किया गया है। इसके अलावा उत्तराखंड में बुद्ध ‘सर्किट’ , गुरुद्वारा ‘सर्किट’, सिद्ध बाबा ‘सर्किट’ और अन्य पौराणिक मंदिरों को धार्मिक ‘सर्किट’ में शामिल करने की योजना है।

नागराजा एवं गोल्ज्यू मंदिर ‘सर्किट’ नागदेवता और गोल्ज्यू के 14 पौराणिक मंदिरों को शामिल किया गया है। इनमें अल्मोड़ा जिले के चितई गोल्ज्यू मंदिर और बिनसर में गैराड गोल्ज्यू मंदिर, पिथौरागढ़ जिले के पांखू (बेरीनाग) में पिलंगिनाग और बेरीनाग में बैड़ीनाग मंदिर, बागेश्वर जिले के विजयपुर में धौलीनाग और दूदीला में फैणीनाग मंदिर, चंपावत जिले के नागनाथ मंदिर और गौरलचौड़ मैदान स्थित गोल्ज्यू मंदिर, नैनीताल जिले के करकोटक में नागदेवता मंदिर और घोड़ाखाल में गोल्ज्यू मंदिर, टिहरी जिले के प्रतापनगर में सेममुखेम मंदिर, उत्तरकाशी जिले के डूंडा में तांबेश्वर महादेव (नागदेवता मंदिर) को इस ‘सर्किट’ में शामिल किया गया है।

विष्णु, राम एवं नरसिंह मंदिर ‘सर्किट’ में स्थित विष्णु, राम और नरसिंह के 16 पौराणिक मंदिरों को शामिल किया गया है। इसमें अल्मोड़ा जिले के छत्तगुला में स्थित बदरीनाथ मंदिर और नारायणकाली में स्थित राम मंदिर, पिथौरागढ़ जिले के कोटड़ी में स्थित विष्णु मंदिर, बागेश्वर जिले के कपकोट में स्थित मूल नारायण मंदिर, टिहरी जिले के देवप्रयाग में स्थित रघुनाथ मंदिर, गुप्तकाशी में स्थित नारायणकोठी मंदिर समूह, उत्तरकाशी जिले के गैल बनाल में स्थित रघुनाथ मंदिर और ढिकौली में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर, हरिद्वार के मायापुर में स्थित नारायण शिला मंदिर, चमोली का बदरीनाथ मंदिर एवं भविष्यबदरी मंदिर, चमोली जिले के अणीमठ में स्थित वृद्धबदरी मंदिर, चमोली जिले के उर्गम में स्थित ध्यानबदरी मंदिर और पांडुकेश्वर में स्थिति योगबदरी मंदिर, पौड़ी जिले के कोट में स्थित वैष्णव समूह मंदिर देवल, देहरादून जिले के रायवाला स्थित सत्यनारायण मंदिर को शामिल किया गया है।