2019 में गंगा के उद्गम स्थल गोमुख-गंगोत्री से लेकर हरिद्वार तक गंगा स्वच्छ और निर्मल बहने लगेगी और गंगा भक्त बेहिचक डुबकी लगा सकेंगे और गंगाजल का आचमन ले सकेंगे। केंद्र सरकार के नमामि गंगे अभियान के तहत आजकल युद्ध स्तर पर सीवर लाइन डालने और पुराने सीवर शोधन संयंत्रों को ठीक करने तथा नए संयंत्रों को लगाने का काम चल रहा है। केवल हरिद्वार में ही 264 करोड़ रुपए की परियोजनाएं चल रही हैं। हरिद्वार के नीलधारा गंगा क्षेत्र चंडीघाट में नमामि गंगे के तहत 25 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से नए गंगा घाट का निर्माण कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। निर्माणाधीन चंडी घाट पर ध्यान केंद्र, हवन कुंड, यात्री विश्राम स्थल बनाए जा रहे हैं। साथ ही अलग से श्मशान घाट का निर्माण भी किया जा रहा है। उत्तरकाशी, टिहरी ,देवप्रयाग, श्रीनगर, बद्रीनाथ क्षेत्र में गंगा और उसकी सहायक नदियां अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी के क्षेत्रों में नए सीवर शोधन संयंत्र (एसटीपी) लगाए जा रहे हैं और पुराने एसटीपी ठीक किए जा रहे हैं। इन कार्यों को करने वाली सरकारी एजंसी पेयजल निगम की निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई का दावा है कि इस साल गंगा स्वच्छता के लिए किए जा रहे सभी निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे और गोमुख से हरिद्वार तक गंगा शत-प्रतिशत प्रदूषण मुक्त हो जाएगी। 80 फीसद निर्माण कार्य अब तक किए जा चुके हैं। चार सीवर शोधन संयंत्रों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही उत्तराखंड में 19 पुराने सीवरेज पंपिंग स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का कार्य चल रहा है। मार्च 2019 तक इन्हें पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
गंगा स्वच्छता अभियान पर केंद्र की निगरानी उत्तराखंड में चल रहे गंगा स्वच्छता निर्माण कार्यों पर केंद्र की नजर लगातार टिकी हुई है। इधर, सामाजिक संगठन स्पर्श गंगा और स्थानीय लोग भी अस्थि विसर्जन के दौरान प्लास्टिक की थैलियां और कपड़े गंगा में फेंकने वाले स्थानीय बाशिंदों और तीर्थ यात्रियों को रोकने के लिए अभियान चलाए हुए हैं। परमार्थ निकेतन, स्पर्श गंगा, बीईंग भगीरथी, शांतिकुंज, गंगा सभा तथा हरिद्वार के कई स्कूल कॉलेजों के छात्र छात्राएं भी गंगा में डाली गई गंदगी को निकालने का अभियान चलाए हुए हैं।
पुलिस के जवानों का गंगा सफाई अभियान
हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा घाटों में पुलिस के जवानों को गंगा घाटों की सफाई और गंगा नदी में जमे कूड़े को बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। गंगा सफाई करने का बीड़ा हरिद्वार स्थित चालीसवीं वाहिनी पीएसी के अधिकारियों और जवानों ने सामूहिक रूप से उठाया है। पीएसी के सेनानायक रोशन लाल शर्मा का कहना है कि इस अभियान में 40 वी वाहिनी पीएसी, एटीएफ और जीआरपी के जवानों ने हिस्सेदारी की और गंगा को स्वच्छ करने का हम सभी का दायित्व बनता है। देश विदेश से आने वाले पर्यटक हो या स्थानीय निवासी गंगा को बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए।
स्वामी शिवानंद
गंगा स्वच्छता के लिए लड़ाई लड़ रही संतों की संस्था मातृ सदन के संचालक संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती का कहना है कि गंगा घाटों के निर्माण और सफाई से गंगा स्वच्छ नहीं होने वाली है। जब तक उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बने बड़े-बड़े बांधों से गंगा को मुक्ति नहीं दिलवाई जाती और गंगा की मुख्यधारा में पर्याप्त जल नहीं छोड़ा जाता, तब तक गंगा अविरल और निर्मल नहीं होने वाली। साथ ही जब तक गंगा की जैविक शक्ति को पुनर्जीवित नहीं किया जाता, तब तक गंगा स्वच्छ नहीं होगी। सरकारी अभियानों के तहत गंगा सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए के बजट को अधिकारियों, ठेकेदारों और नेताओं द्वार ठिकाने लगाया जा रहा है। सरकारी संवेदनहीनता के कारण ही गंगा रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे दो संतों स्वामी निगमानंद और जाने-माने पर्यावरणविद् प्रोफेसर जीडी अग्रवाल संत स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के प्राण चले गए।
रमेश पोखरियाल निशंक
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि गंगा स्वच्छता का संदेश देने के लिए स्पर्श गंगा अभियान की शुरुआत हरिद्वार में स्पर्श गंगा के बैनर तले फिल्म तारिका और सांसद हेमा मालिनी ने की थी।
उमा भारती
केंद्रीय मंत्री उमा भारती का कहना है कि नितिन गडकरी के नेतृत्व में गंगा स्वच्छता अभियान के तहत निर्माण कार्य ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ संपादित किए जा रहे हैं। उमा भारती का कहना है कि वे आजकल गांव की गंगा यानी गंगा किनारे स्थित गांवों में स्वच्छता अभियान को युद्ध स्तर पर चलाने के कार्य में लगी हुई हैं। इसके तहत गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक स्थित गांवों में गंगा किनारे पौधरोपण का अभियान चलाया जा रहा है। जड़ी बूटियों वाले पौधे रोपित किए जा रहे हैं।
स्वामी चिदानंद मुनि
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि का कहना है कि ऋषिकेश में 1 से 7 मार्च तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में 125 देशों से आने वाले योग जिज्ञासु गंगा स्वच्छता अभियान चलाएंगे ताकि अंतरराष्ट्रय स्तर पर यह संदेश जा सके कि पवित्र गंगा नदी को फिर से स्वच्छता अभियान के तहत निर्मल अविरल बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड में नमामि गंगे से बदलेगी सूरत
नमामि गंगे के अधिकारियों का दावा है कि तीर्थ नगरी हरिद्वार में गंगा में गिर रहे 22 नाले सौ फीसद टेप कर दिए जाएंगे और अब ऋषिकेश-हरिद्वार में गंगा में गंदे नाले नहीं गिरेंगे। ऋषिकेश में स्वर्ग आश्रम और त्रिवेणी घाट के पास सीवेज पंपिंग स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का कार्य चल रहा है। वहीं हरिद्वार के जगजीतपुर में देश का पहला हाइब्रिड एनयूटी मोड आधारित 68 एमएलडी का सीवर शोधन संयंत्र बन रहा है जिसके निर्माण में सरकार ने 40 फीसद और एचएनबी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड पुणे महाराष्ट्र की ओर से 60 फीसद धनराशि खर्च की जा रही है। इसके अलावा 14 एमएलडी का एसटीपी हरिद्वार की उपनगरी ज्वालापुर के सराय क्षेत्र में निर्माणाधीन है।
