उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कई गांव ऐसे हैं जहां के लोगों ने रेल तक नहीं देखी। अब उनके गांव तक रेल पहुंचेगी। रेल मंत्रालय ने उत्तराखंड के चार धामों को ऑल वेदर रोड और हवाई मार्ग के साथ रेल से जोड़ने की भी परियोजना बनाई है। उत्तराखंड के पहाड़ों में रेल पटरी, पुलों और सुरंगों का जाल बिछाया जाएगा। अब तक रेल मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और नैनीताल जिले के मैदानी क्षेत्र हल्द्वानी, काठगोदाम, उधमसिंह नगर जिले तक ही थी। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के ऋषिकेश से कर्णप्रयाग और कुमांऊ मंडल के काठगोदाम से चंपावत-बागेश्वर तक रेल पटरी बिछाने की दिशा में काम तेजी से चल रहा है। अब ऋषिकेश के रेलवे स्टेशन के दिन फिरने वाले हैं। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाकर बड़ा आकार दिया जा रहा है।

ऋषिकेश बनेगा चार धाम, रेल मार्ग यात्रा का पहला पड़ाव
चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ यात्रा रेल मार्ग का पहला पड़ाव ऋषिकेश रेलवे स्टेशन होगा। रेल मंत्रालय पहले चरण में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन 125 किलोमीटर लम्बी बिछाएगा। यह ट्रेकगेज 5 फुट 6 इंच सिंगल ट्रेक ब्रॉडगेज होगा। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 35 पुल, 17 सुरंगें तथा 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसकी लागत 16,216 करोड़ रुपए होगी और यह परियोजना वित्तीय वर्ष 2024-25 तक पूरी होगी। ऋषिकेश के वीरभद्र क्षेत्र में साल 2019-20 तक अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा।

पहले चरण में ऋषिकेश से देवप्रयाग तक साल 2023-24 तक रेल सेवा इस दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में शुरू हो जाएगी। दूसरे चरण में साल 2024-25 तक देवप्रयाग से कर्णप्रयाग तक रेल सेवा शुरू हो जाएगी। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन चार पहाड़ी जिलों टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली से होकर गुजरेगी। इस रेल परियोजना के तहत टिहरी जिले के श्रीकोट में रेल विकास निगम एक अस्पताल और स्टेडियम का निर्माण करेगा। रेल विकास निगम द्वारा वीरभद्र-़ऋषिकेश निर्माण कार्य पुलों के निर्माण चंद्रभागा नदी में पुल निर्माण गुलर, कोड़ियाला, धारीदेवी, शिवपुरी तक संपर्क मार्ग बनाया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्य में 2019-20 वित्तीय वर्ष में 1050 करोड़ रुपए तथा 2020-21 वित्तीय वर्ष में 2200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी लम्बी पटरी का 15.01 किमी क्षेत्र सुरंग से होकर गुजरेगा, जो देश के रेलवे के इतिहास में सबसे बड़ी सुरंग मानी जा रही है। यह देवप्रयाग से लाचमोली मार्ग के बीच बनेगी। उत्तराखंड में रेलवे नेटवर्क पर यूपीए सरकार के 2009-14 के कार्यकाल की तुलना में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के 2014-19 के कार्यकाल में निवेश तीन गुना बढ़ा है। यह वृद्धि 208 फीसद है। उत्तराखंड में रेल नेटवर्क पर 2009-14 तक खर्च 187 करोड़ रुपए हुआ था जबकि 2014-19 तक 577 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 510 किमी सरेल लाइन बिछाने के चार सर्वेक्षणों पर कार्य चल रहा है। 78 किमी रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया जा चुका है। 347 करोड़ रुपये की लक्सर-हरिद्वार पटरी दोहरीकरण परियोजना पर कार्य चल रहा है।

रेल मंत्रालय ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल पटरी निर्माण के साथ ज्वालापुर, हरिद्वार, मोतीचूर, रायवाला, डोईवाला, हर्रावाला तथा देहरादून रेलवे स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधा से युक्त बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। हरिद्वार रेलवे स्टेशन को आधुनिक रूप देने के लिए रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने छह नई सुविधाओं का लोकार्पण किया। रेलवे स्टेशन हरिद्वार पर राज्यसभा सांसद रहे तरुण विजय की सांसद निधि से दो करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त रैन बसेरे का निर्माण किया गया। इसका लाभ आम यात्रियों को मिल सकेगा। तरुण विजय पहले ऐसे सांसद है जिनकी सांसद निधि से हरिद्वार रेलवे स्टेशन में जन सुविधाओं के लिए खर्च किया गया है।

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि देश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने का काम उनका महकमा तेजी से कर रहा है और निर्धारित समय में रेलवे की परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। रेलवे विकास की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड के पर्वतीय और मैदानी दोनों इलाकों में रेलवे सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। पहाड़ के दूर-दराज क्षेत्रों को जोड़ने के लिए रेलवे लाइन बिछाई जा रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि रेल परियोजना के लिए 4 पर्वतीय जिलों टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली में 166 हेक्टेयर जमीन सूबे के वन विभाग तथा राजस्व विभाग से रेल विकास निगम को हस्तांतरित की जा चुकी है। इस रेल मार्ग में सभी रेलवे स्टेशनों का निर्माण पर्वतीय शैली की स्थापत्य कला को दृष्टिगत रखते हुए किया जाएगा।

पूर्व सांसद तरुण विजय का कहना है कि जन सुविधाओं के लिए सांसदों को अपनी निधि को अधिक से अधिक खर्च करना चाहिए। उन्होंने हरिद्वार रेलवे स्टेशन में आम जनता की रैन बसेरे का निर्माण अपनी सांसद निधि से करवाया। उसके अलावा उनकी सांसद निधि से देहरादून में उत्तराखंड के पहले सैन्य शहीद स्मारक का निर्माण किया जा रहा है।