उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के चंपावत विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा सीट से नामांकन के साथ ही चुनावी सियासत गरमा गई। जोरदार रोड शो और चुनावी जनसभा के बाद विपक्षी दलों ने भी चुनावी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के खिलाफ कांग्रेस ने चंपावत की स्थानीय नेता निर्मला गहतोड़ी तथा समाजवादी पार्टी ने मनोज भट्ट को चुनाव मैदान में उतारा है, परंतु चंपावत में नामांकन के समय जनसैलाब धामी के समर्थन में उतरा।

चंपावत के रहने वाले हलवाई की दुकान चलाने वाले कीर्ति बल्लभ पुनेठा का कहना है कि चंपावत की जनता के पास पुष्कर सिंह धामी के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि हम एक विधायक को नहीं, बल्कि एक मुख्यमंत्री को चुनने जा रहे हैं। चंपावत के व्यापारी कमल सिंह रावत का कहना है कि धामी में अनेक संभावनाएं हैं और चंपावत के लोगों को उनसे बहुत उम्मीद है। चंपावत के कृष्णानंद का कहना है कि धामी ने अपनी पहली चंपावत की चुनावी जनसभा में दिल को छू लेने वाला चुनावी भाषण दिया।

चंपावत के गांधी चौक स्टेशन मार्ग पर पहली चुनावी सभा में धामी ने चंपावत विधानसभा क्षेत्र से जुड़े स्वास्थ्य रोजगार पर्यटन से जुड़े स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय स्तर के राम मंदिर निर्माण तक के मुद्दे उठाए और बार-बार प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का जिक्र किया और कहा कि उन्हें उत्तराखंड से बेहद लगाव है। प्रधानमंत्री ने 2025 तक उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने का सपना संजोया है।

कुमाऊनी में धामी ने कहा कि बचपन में इज कुन्यभै- चंपावत वाल सबौकि मदद करनान। मैं तुमर चेल छूं, तुमुले ख्याल रख्न छ अब। यानी बचपन में ईजा कहती थी कि चंपावत वाले सबकी मदद करते हैं। और यह चंपावत के निवर्तमान विधायक कैलाश गहतोड़ी अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देकर और उनके लिए खाली करके यह साबित कर दिया है।

भावुक होते हुए चंपावत की जनता से धामी ने कहा-मैं तुम्हारा बेटा हूं, अब तुमने ही मेरा ख्याल रखना है.. अपने भाषण में इस तरह की कई दिलकश बातें कहकर धामी ने जनता को अपने करीब लाने का प्रयास किया। साथ ही कहा-अब सब तुमर हाथ में छ… यानी अब सब कुछ चंपावत की जनता के हाथों में है। यह कहकर उन्होंने अपने को जनता की अदालत में प्रस्तुत किया और सब कुछ चंपावत की जनता के ऊपर छोड़ दिया। मुख्यमंत्री ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कहा कि गोलू देवता, पूर्णागिरि मंदिर, बाराही मंदिर देवीधुरा, अद्वैत आश्रम मायावती, नरसिंह मंदिर शारदा नदी मां आदि देवी-देवताओं ने उन्हें चंपावत बुलाया है ताकि वे क्षेत्र का विकास कर सकें और उन्होंने चंपावत में बिताई बचपन की यादों को भी ताजा किया। उन्होंने कहा वे चंपावत के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

चंपावत उपचुनाव में 31 मई को मतदान होगा और 3 जून को नतीजे जाएंगे। उपचुनाव में 96 हजार 16 मतदाता मतदान करेंगे। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी एनएस मेहरा के मुताबिक कि चंपावत विधानसभा सीट में 50 हजार 57 पुरुष और 45 हजार 959 महिला मतदाता हैं। विधानसभा क्षेत्र पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बैठा है। टनकपुर क्षेत्र का मैदानी हिस्सा है और जो नेपाल की सीमा से लगा है। चंपावत पर्वतीय क्षेत्र है।

अब तक उत्तराखंड में चार मुख्यमंत्रियों को अपनी कुर्सी बरकरार रखने के लिए विधानसभा के उपचुनाव का सामना करना पड़ा है। धामी पांचवें मुख्यमंत्री हैं जो विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे हैं। धामी इस साल मार्च में हुए विधानसभा के चुनाव में खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे।

इस हार के बावजूद पार्टी आलाकमान ने उन्हें मुख्यमंत्री नामित किया और अब उन्हें अपनी कुर्सी बचाने के लिए विधानसभा के उपचुनाव का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के तौर पर अब तक हुए विधानसभा के उपचुनाव में सबसे ज्यादा मतों से चुनाव जीतने का रेकार्ड विजय बहुगुणा के नाम है। बहुगुणा 40 हजार 154 वोटों से चुनाव जीते थे। 2002 में एनडी तिवारी ने रामनगर विधानसभा सीट से उपचुनाव 9 हजार 693 वोटों से जीता था। 2007 में भुवन चंद्र खंडूरी धुमाकोट 14 हजार 171 वोटों से जीते थे। 2014 में हरीश रावत ने 20 हजार 600 वोटों से जीते थे।