बीजेपी कार्यालय में शनिवार को जहर पीने वाले हल्द्वानी के बिजनेसमैन प्रकाश पांडे ने मंगलवार को मैक्स अस्पताल में दम तोड़ दिया। जहर के कारण पांडे की स्थिति बिगड़ती जा रही थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। द ट्रिब्यून के अनुसार देहरादून के सीएमओ डॉक्टर वाईएस थपियाल ने पांडे की मौत की पुष्टि की है। इस पर बात करते हुए थपियाल ने कहा “मैक्स अस्पताल के प्रशासन ने हमें सूचित किया कि मंगलवार दोपहर प्रकाश पांडे ने दम तोड़ दिया। पांडे का पोस्टमार्टम कर उनके शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।” डॉक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट देहरादून के एसएसपी को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट में मौत का कारण जहर बताया गया है।

इसके साथ ही थपियाल ने यह भी बताया कि मृतक की आंत को केमिक्ल निरीक्षण के लिए भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट कुछ दिनों के बाद आएगी। वहीं इस मामले पर मृतक की पत्नी के भाई उमेश मल्कानी ने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने प्रकाश के मरने की खबर उन्हें देरी से दी। प्रकाश की मौत दोपहर 12 बजे हो गई थी लेकिन सरकार के दवाब में आकर प्रशासन ने उन्हें खबर देर से दी। उमेश ने कहा प्रकाश की मौत आत्महत्या नहीं हत्या है। बता दें कि शनिवार को प्रकाश पांडे बीजेपी हेडक्वार्टर पहुंचे जहां पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल जनता दरबार में मौजूद लोगों की परेशानी सुन रहे थे।

यहां पांडे ने दावा किया था कि उसने जहरीला पदार्थ पी लिया है क्योंकि नोटबंदी और जीएसटी के कारण उसके व्यापार को भारी नुकसान हुआ है। इसके बाद पांडे को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे मैक्स अस्पताल में शिफ्ट कर दिया था। वहीं एक कार्यक्रम के दौरान इस मामले पर सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर मृतक के परिजन हमसे संपर्क करते हैं तो हम जरूर इस मामले की जांच करवाएंगे। नोटबंदी और जीएसटी को लेकर विपक्षी दल पहले से ही बीजेपी को घेरता रहा हैं और ऐसे में एक व्यापारी द्वारा आत्महत्या करने से उन्हें एक और मुद्दा मिल गया है। विपक्षी दल के नेता इंदिरा हृद्येश ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।